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Mumbai: डकैती के आरोप में गिरफ्तार किए गए व्यक्ति का नहीं मिला कोई रिकॉर्ड, जांच में जुटी पुलिस

मुंबई में एक व्यक्ति ने डकैती के आरोप में जेल में सात साल बिताए थे। हालांकि पुलिस के दोषपूर्ण क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) में उसका किसी भी तरह का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं मिल पाया है। फाइल फोटो।

By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaSat, 27 May 2023 12:07 AM (IST)
Mumbai: डकैती के आरोप में गिरफ्तार किए गए व्यक्ति का नहीं मिला कोई रिकॉर्ड, जांच में जुटी पुलिस
डकैती के आरोप में गिरफ्तार किए गए व्यक्ति का नहीं मिला कोई रिकॉर्ड। फाइल फोटो।

मुंबई, शिरीष वक्तानिया (मिड डे)। मुंबई में एक व्यक्ति ने डकैती के आरोप में जेल में सात साल बिताए थे। हालांकि, पुलिस के दोषपूर्ण क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) में उसका किसी भी तरह का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं मिल पाया है। मालूम हो कि आरोपी कृष्णा पेरियार को 2013 में जुहू पुलिस स्टेशन ने डकैती के आरोप में गिरफ्तार किया था।

वेरिफिकेशन के बाद दी गई नौकरी

मालूम हो कि कृष्णा पेरियार को एक मई को होम इंडिया कंपनी में साकीनाका स्थित हेल्थ केयर द्वारा केयरटेकर के रूप में नियुक्त किया गया था। कंपनी ने दावा किया कि उन्होंने साकीनाका पुलिस स्टेशन के साथ पुलिस सत्यापन पूरा किया। इसके लिए उन्होंने कानूनी फर्म एजेंसी को काम पर रखा और पुलिस सत्यापन पूरा करने के बाद उन्होंने को नौकरी दी। अब सांताक्रुज पुलिस साकीनाका पुलिस से जांच कर रही है कि कंपनी ने वेरिफिकेशन किया या नहीं।

2013 में किया गया था गिरफ्तार

जांच अधिकारी ने मिड डे को बताया कि आरोपी पेरियार को साल 2013 में गिरफ्तार किया गया था और उसने 7 साल जेल में भी बिताए और 2020 दिसंबर में वह जेल से छूट गया था।

नहीं मिला कोई रिकॉर्ड

उन्होंने कहा कि जब हमने सीसीटीएनएस में उसका रिकॉर्ड चेक किया तो हमें कुछ भी नहीं मिला। अदालत के रिकॉर्ड में आवेदन पर भी हमने उसका नाम खोजा लेकिन कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। महाराष्ट्र पुलिस इस सीसीटीएनएस का उपयोग आरोपी आपराधिक रिकॉर्ड खोजने के लिए कर रही है। हालांकि, इस मामले में हमें कुछ भी नहीं मिला। हम अब जांच कर रहे हैं कि उसका सत्यापन साकीनाका पुलिस द्वारा किया गया था या नहीं।

पेरियार ने रुद्राक्ष चुराने का किया फैसला

मालूम हो कि कृष्णा पेरियार को होम इंडिया कंपनी में हेल्थ केयर ने मृतक मुरलीधर नाइक के आवास पर एक मई को कार्यवाहक के रूप में नियुक्त किया था। नाइक ने 20 ग्राम का सोने का रुद्राक्ष पहना हुआ था और पेरियार ने इसे चुराने का फैसला किया। सात मई की सुबह पेरियार ने नाईक के चेहरे पर भूरे रंग के टेप को कई बार गोल किया और उसके हाथ-पैर भी बांध दिए और उसका सोने का रुद्राक्ष चुरा लिया।

हालांकि, यह सवाल उठाया गया कि उन्हें नौकरी कैसे मिली और उनका पुलिस सत्यापन कैसे हुआ या नहीं, इसकी जांच अब साकीनाका पुलिस की मदद से की जा रही है।