Bhima-Koregaon Case: आनंद तेलतुंबडे की अंतरिम जमानत याचिका खारिज
Bhima-Koregaon Case. अदालत ने माओवादी कार्यकर्ता आनंद तेलतुंबडे को यलगार परिषद मामले में न्यायिक हिरासत में भेज दिया और अंतरिम जमानत के लिए याचिका खारिज कर दी।
मुंबई, प्रेट्र। Bhima-Koregaon Case. भीमा कोरेगांव मामले में एक विशेष अदालत ने शनिवार को माओवादी कार्यकर्ता आनंद तेलतुंबडे को यलगार परिषद मामले में न्यायिक हिरासत में भेज दिया और अंतरिम जमानत के लिए उनकी याचिका खारिज कर दी, जिसे उन्होंने कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए मांगा था।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने 14 अप्रैल को तेलतुंबडे को उस समय गिरफ्तार किया था, जब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को मानते हुए आत्मसमर्पण कर दिया था। तेलतुंबडे को विशेष एनआइए अदालत के न्यायाधीश एटी वानखेड़े के समक्ष पेश किया गया था, जिन्होंने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इसके बाद माओवादी कार्यकर्ता ने कोविड-19 महामारी का हवाला देते हुए अस्थायी जमानत मांगी। अपनी जमानत अर्जी में उन्होंने कहा कि वे श्वसन संबंधी समस्याओं से पीडि़त हैं और जेल में रहने के दौरान उन्हें जानलेवा संक्रमण होने का खतरा है। अदालत ने हालांकि, उनकी याचिका खारिज कर दी।
तेलतुंबडे, गौतम नवलखा और नौ अन्य लोगों को माओवादी संपर्क के लिए गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के कड़े प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार, ये कार्यकर्ता प्रतिबंधित माओवादी समूहों के सक्रिय सदस्य थे। बाद में जांच को एनआइए को स्थानांतरित कर दिया गया था।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में कुल 559 औद्योगिक इकाइयों ने कामकाज शुरू कर दिया है। कोरोना वायरस पर रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान 20 अप्रैल से दी गई ढील के तहत यूनिटों ने काम शुरू किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि कम से कम 7432 आवेदन प्राप्त हुए हैं। सबसे ज्यादा 1,418 आवेदन पुणे से मिले हैं जबकि नासिक में सबसे ज्यादा 282 प्रोडक्शन यूनिटों में काम बहाल हो गया है।
अधिकारियों ने कहा, 'कुल 559 यूनिटों ने उत्पादन शुरू कर दिया है। 8808 श्रमिक काम पर आने लगे हैं। कुल 2,15,053 कर्मचारी चाहिए। काम पर आने वाले कर्मचारियों ने कोविड-19 का लक्षण नहीं होने की रिपोर्ट की है।' उन्होंने कहा कि मोटर पास के लिए 4,072 आवेदन मिले हैं जबकि 8955 वाहनों की जरूरत होगी।