Move to Jagran APP

Maharashtra: गढ़चिरौली में नक्सलियों का हथियार कारखाना ध्वस्त, 48 घंटे चला ऑपरेशन

Naxalite Arms Factory महाराष्ट्र पुलिस नक्सलियों के एक बड़े हथियार कारखाने को ध्वस्त करने में कामयाब रही है। 48 घंटे तक चले इस आपरेशन में एक जवान के पैर में गोली लगने से वह घायल हुआ है। लेकिन उसकी हालत स्थिर है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Sat, 06 Mar 2021 10:01 AM (IST)Updated: Sat, 06 Mar 2021 10:01 AM (IST)
Maharashtra: गढ़चिरौली में नक्सलियों का हथियार कारखाना ध्वस्त, 48 घंटे चला ऑपरेशन
गढ़चिरौली में नक्सलियों का हथियार कारखाना ध्वस्त

मुंबई, राज्य ब्यूरो। गढ़चिरौली में करीब 48 घंटे चले सुनियोजित आपरेशन में महाराष्ट्र पुलिस नक्सलियों के एक बड़े हथियार कारखाने को ध्वस्त करने में कामयाब रही है। यह जानकारी आज विधानभवन परिसर में गृहमंत्री अनिल देशमुख ने पत्रकारों को दी। इस आपरेशन में पुलिस का एक जवान घायल हुआ है। अब तक नक्सलियों के हताहत होने की कोई सूचना नहीं मिली है।

loksabha election banner

 अनिल देशमुख के अनुसार यह नक्सलियों के खिलाफ एक टैक्टिकल काउंटर अफेंसिव कैंपेन (टीसीओसी) था। मैं इस अभियान में शामिल सभी पुलिसकर्मियों को बधाई देना चाहता हूं। यह बहुत बड़ी सफलता है। देशमुख ने बताया कि इस आपरेशन में एक जवान के पैर में गोली लगने से वह घायल हुआ है। लेकिन उसकी हालत स्थिर है। आपरेशन में शामिल पुलिस टीम को हवाई मदद उपलब्ध कराई गई है। उनकी मदद के लिए हेलीकाप्टर भेजा गया है। गृहमंत्री के अनुसार यह अभियान सटीक सूचनाओं के आधार पर अंजाम दिया गया। राज्य पुलिस के अनुसार बड़ी संख्या में पैरामिलिट्री फोर्स के जवान भी सी-60 कमांडो की मदद के लिए भेजे गए हैं। महाराष्ट्र पुलिस में सी-60 का गठन नक्सलियों के विरुद्ध अभियान चलाने के लिए ही किया गया है। यह आपरेशन गढ़चिरौली जिले में महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा के निकट अंजाम दिया गया है। इसका नेतृत्व पुलिस के डिप्टी आईजी संदीप पाटिल एवं एसपी अंकित त्यागी ने किया।

बता दें कि महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र का गढ़चिरौली एवं चंद्रपुर जिला नक्सल प्रभावित माना जाता है। गढ़चिरौली की सीमाएं छत्तीसगढ़ एवं आंध्रप्रदेश से लगी हुई हैं। जहां नक्सली खतरनाक वारदातें करके आसानी से एक राज्य से दूसरे राज्य में चले जाते रहे हैं। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से जहां महाराष्ट्र की पुलिस इनके विरुद्ध विशेष अभियान चला रही है, वहीं स्थानीय लोग भी अब नक्सलियों को सहयोग नहीं करते। पिछले वर्ष स्थानीय युवकों ने ही नक्सलियों के बनाएं स्मारक को तोड़कर उनका दबाव न सहने की घोषणा कर दी थी। यही कारण है कि पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों में काफी कमी आई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.