Maharashtra: ईडी के बुलाने पर हाजिर नहीं हुए नवाब मलिक की पत्नी और बेटे
Maharashtra ईडी ने अब महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक के परिवार पर भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। ईडी ने अपने आरोपपत्र में कहा है कि नवाब मलिक की पत्नी और बेटों को पांच बार पूछताछ के लिए समन भेजा गया लेकिन कोई भी पेश नहीं हुआ।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। ईडी ने विशेष पीएमएलए कोर्ट में पेश अपने आरोप पत्र में कहा है कि उसने नवाब मलिक की पत्नी और उनके दोनों बेटों को पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन वे उसके समक्ष पेश नहीं हुए। ईडी ने अब महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक के परिवार पर भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। खुद मलिक पहले से जेल में हैं। ईडी ने अपने आरोपपत्र में कहा है कि नवाब मलिक की पत्नी महजबीन और दोनों बेटों को पांच बार पूछताछ के लिए समन भेजा गया, लेकिन इनमें से कोई भी पेश नहीं हुआ। मंगलवार को ईडी ने कोर्ट को नवाब मलिक और भगोड़े माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम के संबंधों के बारे में बताया था।
आरोप पत्र में दाऊद इब्राहिम और नवाब मलिक के संबंधों का जिक्र
अपने आरोप पत्र में ईडी ने दाऊद इब्राहिम और नवाब मलिक के संबंधों का विस्तार से जिक्र किया है। उसने बताया है कि किस प्रकार नवाब मलिक ने भगोड़े सरगना के स्वजन और करीबियों के साथ मिलकर मुंबई के कुर्ला इलाके में स्थित गोवावाला कंपाउंड पर कब्जा कर लिया था। ईडी द्वारा प्रस्तुत किए गए तथ्यों पर गौर करते हुए विशेष अदालत ने माना था कि नवाब मलिक के विरुद्ध प्रथम दृष्टया पर्याप्त सुबूत हैं और उनके खिलाफ मुकदमा चलना चाहिए। इसी मामले में 1993 के सिलसिलेवार बम विस्फोट कांड का एक आरोपित सरदार शाहवली खान भी आरोपित है। नवाब मलिक के साथ ही उसके खिलाफ भी मुकदमा चलाने का आदेश कोर्ट ने दिया है।
गौरतलब है कि पीएमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश राहुल एन रोकाड का कहना है कि, आरोपी नवाब मलिक ने डी कंपनी के सदस्यों हसीना पारकर, सरदार खान और सलीम पटेल के साथ मिल संपत्ति को हड़पने के लिए आपराधिक साजिश रची थी। जज ने कहा कि नवाब मलिक ने दाऊद इब्राहिम की दिवंगत बहन हसीना पारकर और डी कंपनी के अन्य सदस्यों की मदद से संपत्ति हड़प ली थी। ये संपत्ति धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत अपराध की श्रेणी में आती है। विशेष न्यायाधीश ने ये भी कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसे सबूत सामने आए हैं कि आरोपी सीधे और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग अपराध में शामिल है। इसलिए, वह पीएमएलए कोर्टकी धारा तीन के तहत मनी लांड्रिंग मामले के तहत अपराध के लिए जिम्मेदार है और धारा चार के तहत दंड के लिए उत्तरदायी है।