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22 वर्षीय मेडिकल छात्रा की हत्या, आरोपियों को खुद ही साबित करनी होगी अपनी बेगुनाही

पुलिस अब भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 106 के तहत आरोप पत्र दायर करेगी जिसमें आरोपी को ही अदालत में अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी। बता दें नवंबर 2021 में बायकुला में परीक्षा देने के दौरान एमबीबीएस छात्रा गायब हो गई।

By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputPublished: Thu, 30 Mar 2023 09:56 PM (IST)Updated: Thu, 30 Mar 2023 09:56 PM (IST)
22 वर्षीय मेडिकल छात्रा की हत्या, आरोपियों को खुद ही साबित करनी होगी अपनी बेगुनाही
अदालत में अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी।

मुंबई, मिड डे (फैजान खान)। मुंबई में 22 वर्षीय एमबीबीएस छात्र की बैंडस्टैंड में हुई हत्या के मामले में शव बरामद नहीं होने और इससे जुड़े पुख्ता सुबूत नहीं मिलने पर अब पुलिस आरोपियों पर ही बेगुनाही साबित करने की जिम्मेदारी डालेगी। इस मामले में आरोप-पत्र दायर करने के लिए पुलिस भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 106 का उपयोग करेगी। इसमें बेगुनाही साबित करने का जिम्मा अभियुक्त पर होता है। यह मामला अब पूरी तरह से "आखिरी बार साथ देखे गए" थ्योरी पर निर्भर है।

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पुख्ता सबूत नहीं होने के कारण थ्योरी पर ही न्यायालय जाएगी पुलिस

पुलिस का मानना है कि आरोपी 21 वर्षीय एमबीबीएस छात्र की हत्या के लिए जिम्मेदार हैं और वे महत्वपूर्ण जानकारी छिपा रहे हैं। मुंबई पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि पुलिस को उम्मीद थी कि जीवन रक्षक रिंग पर मिले रक्त के नमूने पीड़िता के माता-पिता के डीएनए से मेल खाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। फिर भी पुलिस के पास मामला साबित करने के लिए पर्याप्त परिस्थितिजन्य साक्ष्य हैं।

पुलिस अब भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 106 के तहत आरोप पत्र दायर करेगी जिसमें आरोपी को ही अदालत में अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी। बता दें नवंबर 2021 में बायकुला में परीक्षा देने के दौरान एमबीबीएस छात्रा गायब हो गई। उसे आखिरी बार मुख्य आरोपी मिट्ठू सिंह के साथ सेल्फी में देखा गया। अब पुलिस पुख्ता सबूत नहीं होने के कारण पुलिस अपनी थ्योरी के आधार पर ही मामले को कोर्ट ले जाएगी।

आखिरी बार आरोपी के साथ दिखी पीड़िता, नौसेना के गोताखोर भी नहीं ढूंढ पाए शव

जहां तक परिस्थितिजन्य साक्ष्यों का प्रश्न है, पुलिस को गवाहों ने बताया कि घटनास्थल पर पीड़िता का पहचान पत्र मिला था लेकिन आरोपी और उसके परिवार के कहने पर इसे नष्ट कर दिया गया। इसके अलावा सीसीटीवी फुटेज में पीड़िता मिट्ठू की रसोई के पास बैंडस्टैंड क्षेत्र में प्रवेश करती दिख रही है। एक अन्य सीसीटीवी फुटेज में रात को एक व्यक्ति जीवन रक्षक रिंग लेकर समुद्र में प्रवेश करता दिख रहा है।

पुलिस को संदेह है कि यह आरोपी ही है। मिट्ठू सिंह और उसके दोस्त अब्दुल जब्बार अंसारी के खिलाफ पुलिस अब इन्हीं परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर भरोसा कर रही है। पुलिस ने पीड़िता का शव ढ़ूंढ़ने के लिए निजी और भारतीय नौसेना के गोताखोरों की मदद से व्यापक तलाशी अभियान चलाया। हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण किया गया। पुलिस ने विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम तकनीक का भी इस्तेमाल किया लेकिन इन सारे प्रयासों के बावजूद पीड़िता का शव बरामद नहीं हो पाया।


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