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Maratha Reservation: मराठा आरक्षण की कानूनी वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर शीघ्र सुनवाई पर विचार करेगा न्यायालय

Maratha Reservation सुप्रीम कोर्ट ने मराठा समुदाय को आरक्षण देने संबंधी महाराष्ट्र के कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर शीघ्र सुनवाई पर विचार करने की सहमति जताई है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Mon, 29 Jul 2019 01:01 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jul 2019 01:01 PM (IST)
Maratha Reservation: मराठा आरक्षण की कानूनी वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर शीघ्र सुनवाई पर विचार करेगा न्यायालय

नई दिल्ली, प्रेट्र। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को मराठा समुदाय को सरकारी नौकरियों व शिक्षा में आरक्षण देने संबंधी महाराष्ट्र के कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर शीघ्र सुनवाई करने के अनुरोध पर विचार करने पर सहमति जताई है। 

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प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस की पीठ ने एक वकील के इस कथन पर गौर किया कि जिन याचिकाओं को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध होना था, वे न्यायालय की कार्यसूची में नहीं है। पीठ ने मामले पर तत्काल सुनवाई के अनुरोध पर कहा, आप मेमो दीजिए। हम इस पर  गौर करेंगे।

मराठा आरक्षण को सही ठहराने के लिए शीर्ष अदालत में बंबई उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ जे लक्ष्मण राव पाटिल और वकील संजीत शुक्ला की याचिका लंबित है। इन याचिकाओं में बंबई उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई है जिसमें आरक्षण की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा गया। उच्च न्यायालय ने अपने 27 जून के फैसले में कहा था कि कुल आरक्षणों पर उच्चतम न्यायालय की ओर से लगाई गई 50 प्रतिशत की सीमा को अपवाद की परिस्थितियों में पार किया जा सकता है। 

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