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महाराष्ट्र सरकार में बढ़ सकता है टकराव, बागी पार्षदों के NCP में शामिल होने से कांग्रेस नाराज

ठाणे जिले में भिवंडी निजामपुर नगर निगम के 18 कांग्रेस पार्षदों के एनसीपी में शामिल होने पर कांग्रेस ने नाराजगी जाहिर की है। पार्टी कहा कि एनसीपी ने ऐसा करके दुर्भाग्यपूर्ण मिसाल कायम की है। एनसीपी के इस कदम से गठबंधन में टकराव बढ़ सकता है।

By TaniskEdited By: Published: Fri, 25 Dec 2020 03:01 PM (IST)Updated: Fri, 25 Dec 2020 03:01 PM (IST)
महाराष्ट्र सरकार में बढ़ सकता है टकराव, बागी पार्षदों के NCP में शामिल होने से कांग्रेस नाराज
भिवंडी निजामपुर नगर निगम के कांग्रेस के 18 बागी पार्षद एनसीपी में शामिल हुए।

मुंबई, जेएनएन। महाराष्ट्र के ठाणे जिले में भिवंडी निजामपुर नगर निगम के 18 बागी कांग्रेस पार्षदों के एनसीपी में शामिल होने पर कांग्रेस ने नाराजगी जाहिर की है। पार्टी कहा कि एनसीपी ने ऐसा करके दुर्भाग्यपूर्ण मिसाल कायम की है। बता दें कि महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार में शिवसेना के साथ-साथ दोनों  पार्टियां शामिल हैं। एनसीपी के इस कदम से गठबंधन में टकराव बढ़ सकता है। कांग्रेस के प्रवक्ता और महासचिव सचिन सावंत ने कहा कि राज्य कांग्रेस अध्यक्ष (बालासाहेब थोरात) ने एनसीपी के नेतृत्व के प्रति पार्टी की नाराजगी व्यक्त की है।

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कांग्रेस के ये पार्षद बुधवार को उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार, एनसीपी प्रमुख जयंत पाटिल और आवास मंत्री जितेंद्र अवध की उपस्थिति में एनसीपी में शामिल हुए। बागियों में डिप्टी मेयर इमरान अली मोहम्मद खान शामिल हैं। सावंत ने दैनिक जागरण के सहयोगी प्रकाशन मिड-डे को बताया कि मेयर चुनाव के दौरान दल बदलने वालों ने कांग्रेस के खिलाफ बगावत कर दी थी। इसके चलते 90 सदस्यीय निगम में 47 सीटें होने के बाद भी कांग्रेस अपना मेयर नहीं चुन पाई नहीं। एक स्थानीय संगठन को मेयर पद मिला, जबकि कांग्रेस के बागियों को डिप्टी मेयर का पद मिला।

सावंत ने आगे कहा कि कांग्रेस ने बागियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी है। साथ ही दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य ठहराने के लिए याचिका दायर की है। डिवीजनल कमिश्नर के समक्ष सुनवाई लंबित है। बागी अभी भी तकनीकी रूप से कांग्रेस में हैं और पार्टी मामले को आगे बढ़ा रही है। हालांकि, गठबंधन सहयोगी ने कांग्रेस की विचारधारा, नीति और निर्देशों की अवहेलना करने वाले बागियों को शामिल करके एक दुर्भाग्यपूर्ण मिसाल कायम की है। राज्य कांग्रेस अध्यक्ष ने एनसीपी नेतृत्व के प्रति पार्टी की नाराजगी व्यक्त की है। 

एनसीपी द्वारा उठाए गए ऐसे ही कदम ने इस साल की शुरुआत में शिवसेना को परेशान में डाल दिया था, जब पार्नर (अहमदनगर) में शिवसेना के नगर पार्षदों को अजीत पवार ने पार्टी में शामिल करा लिया  था। सीएम उद्धव ठाकरे ने इसे प्रतिष्ठा का मुद्दा बना लिया था और एनसीपी को निर्वाचित सदस्यों को अपनी पार्टी के पाले में लौटाने के लिए मजबूर कर दिया था।

हालांकि, कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि भिवंडी के मामले की तूल पकड़ने की संभावना नहीं है, क्योंकि गठबंधन ने महसूस किया कि भाजपा में शामिल होने के बजाय एनसीपी को तरजीह देकर बागियों बेहतर निर्णय लिया। एनसीपी के पास भिवंडी-निजामपुर में एक भी पार्षद नहीं था। यहां 2022 की शुरुआत में निकाय चुनाव होने हैं।


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