पालघर में मारे गए नौसैनिक के खाते एवं ट्रेडिंग अकाउंट खंगाल रही महाराष्ट्र पुलिस
10-10 लोगों की दस टीमें बनाकर मामले की जांच शुरू। खातों के लेन-देन की बारीकी से जांच कर रहे पुलिस। गृहमंत्री ने सीआईडी को सौंपी थी हत्या मामले की जांच। अभी तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी सीबीआई। पुलिस टीमें अभी कोई निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी हैं।
राज्य ब्यूरो, मुंबई : पालघर में कुछ दिनों पहले कथित तौर पर जलाकर मार दिए गए नौसैनिक सूरज कुमार दुबे के मामले में महाराष्ट्र पुलिस उसके बैंक खाते एवं शेयर ट्रेडिंग एकाउंट खंगाल रही है। पालघर में ही कुछ माह पहले दो हुई दो साधुओं की हत्या के मामले से चौकन्नी पुलिस इस मामले की तह तक जाने का प्रयास कर रही है। क्योंकि पालघर में एक के बाद एक होती सनसनीखेज घटनाओं के कारण इस क्षेत्र की कानून-व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े होने लगे है।
10-10 लोगों की दस टीमें बनाकर मामले की जांच शुरू
नौसैनिक सूरज कुमार दुबे के मृत्यु पूर्व दिए गए बयान के अनुसार तीन लोगों ने उसे चेन्नई विमानतल के बाहर से अपहृत कर 10 लाख की फिरौती मांगी थी। यह रकम न दे पाने के कारण उन्होंने उसे जिंदा जला दिया था। साधुओं की हत्या सहित कुछ अन्य मामलों में बदनामी झेल चुकी पालघर पुलिस ने इस मामले की तह तक जाने के लिए 10 पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में 10-10 लोगों की दस टीमें बनाकर इस मामले की जांच शुरू कर दी है।
खातों के लेन-देन की बारीकी से जांच कर रहे : पुलिस
चूंकि अब तक मिली जानकारी के अनुसार 27 वर्षीय सूरज कुमार पर करीब 22 लाख का कर्ज था। इसलिए पुलिस इस मामले की जांच में आर्थिक दृष्टिकोण को अधिक महत्त्व दे रही है। पालघर पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि हम उसके सभी खातों के लेन-देन की बारीकी से जांच कर रहे हैं। अब तक मिली जानकारियों से दिख रहा है कि उसने शेयर बाजार में काफी निवेश किया था।
गृहमंत्री ने सीआईडी को सौंपी थी हत्या मामले की जांच
बता दें कि पहले पालघर में साधुओं की हत्या एवं उसके कुछ दिनों बाद ही मुंबई में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध मौत के बाद शिवसेना नीत महाविकास आघाड़ी सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर आ गई थी। राज्य का मुख्य विपक्षी दल भाजपा साधुओं की हत्या के मामले में भी सीबीआई जांच पर अड़ी थी। लेकिन गृहमंत्री अनिल देशमुख ने उस मामले की जांच सीआईडी को सौंपी थी।
अभी तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी सीबीआई
सुशांत सिंह राजपूत मामले की जांच भी मुंबई पुलिस ही कर रही थी। लेकिन पहले इस मामले में पटना में एक एफआईआर दर्ज हुई, फिर इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई। हालांकि सीबीआई अभी तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी है। अब नौसैनिक की मौत के मामले में राज्य पुलिस कोई चूक नहीं करना चाहती। इसलिए पालघर जिले के एसएसपी दत्तात्रेय शिंदे स्वयं इस मामले की जांच में रुचि ले रहे हैं।
पुलिस टीमें अभी कोई निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी हैं
हालांकि जांच में जुटी पुलिस टीमें अभी इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी हैं कि अपहरणकर्ता किस मार्ग से सूरत को चेन्नई से पालघर तक लेकर आए। क्योंकि यह दूरी करीब 1500 किलोमीटर है। पुलिस 30-31 जनवरी को उसके द्वारा की गई विमान यात्रा से ठीक पहले उसके मोबाइल नंबर पर आई उन 13 फोन कालों की भी जांच कर रही है, जो उसे एक विशेष नंबर से की गई थीं।
चेन्नई विमानतल की सीसीटीवी फुटेज भी हासिल की
पुलिस ने चेन्नई विमानतल की सीसीटीवी फुटेज भी हासिल कर ली हैं, जहां से सूरज ने खुद को अपहरण किए जाने की बात पुलिस को बताई थी। इस फुटेज में सूरज दुबे चेन्नई विमानतल पर घूमता दिखाई दे रहा है। सूरज कुमार दुबे आईएनएस अग्रानी में लीडिंग सीमैन के रूप में कार्यरत था। हाल ही में 15 जनवरी को उसकी सगाई हुई थी।
वावजी-वाजलीपाड़ा के जंगलों में पाया गया था सूरज
पांच जनवरी की सुबह वह अधजली अवस्था में पालघर जनपद के घोलवड़ नामक स्थान पर वावजी-वाजलीपाड़ा के जंगलों में पाया गया था। स्थानीय लोग ही उसे पहले निकट के डहाणू अस्पताल में ले गए। वहां से उसे पहले मुंबई के सायन अस्पताल, फिर नौसेना के आईएनएस अश्विनी अस्पताल ले जाया गया। लेकिन आईएनएस अश्विनी पहुंचने से पहले ही उसकी मृत्यु हो गई थी।