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शिवसेना संस्थापक बालासाहब ठाकरे के स्मारक के लिए 100 करोड़ मंजूर

मुंबई में शिवाजी पार्क के पास शिवसेना संस्थापक बालासाहब ठाकरे का स्मारक बनाने के लिए महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने 100 करोड़ रुपए की मंजूरी दे दी है।

By BabitaEdited By: Published: Wed, 23 Jan 2019 10:55 AM (IST)Updated: Wed, 23 Jan 2019 10:55 AM (IST)
शिवसेना संस्थापक बालासाहब ठाकरे के स्मारक के लिए 100 करोड़ मंजूर

मुंबई, राज्य ब्यूरो। महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने शिवसेना संस्थापक बालासाहब ठाकरे के स्मारक के लिए 100 करोड़ रुपए की मंजूरी दे दी है। यह स्मारक मुंबई में शिवाजी पार्क के पास बनेगा। शिवसेना-भाजपा के रिश्ते इन दिनों अच्छे नहीं चल रहे हैं। ऐसे में यह मंजूरी रिश्ते सामान्य करने का एक प्रयास भी माना जा रहा है। मंत्रिमंडल के इस निर्णय के बाद प्रेस से बात करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि बालासाहब सिर्फ शिवसेना के नेता नहीं थे, बल्कि वह शिवसेना-भाजपा गठबंधन के भी नेता थे। उनका महत्त्व सभी राजनीतिक दलों के लिए सदैव बरकरार रहेगा। इसलिए मंगलवार को मंत्रिमंडल ने उनके स्मारक के लिए 100 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। यह स्मारक नौजवानों सदैव प्रेरणा देता रहेगा।

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बता दें कि 17 नवंबर, 2012 को बालासाहब का निधन होने के बाद उनका अंतिम संस्कार किसी श्मशान भूमि में न करके मुंबई के मध्य स्थित शिवाजी पार्क में उसी स्थान पर किया गया था, जहां हर साल दशहरे के अवसर पर ठाकरे एक बड़ी रैली को संबोधित करते थे। अंतिम संस्कार के बाद कुछ समय तक उस स्थान पर उनका एक अस्थायी स्मारक बनाकर रखा गया था। 2014 में राज्य में भाजपानीत सरकार आने के बाद शिवाजी पार्क के बिल्कुल निकट स्थित महापौर बंगले के परिसर में बालासाहब का स्मारक बनाने की योजना बनाई गई। पिछले वर्ष ही वह स्थान बालासाहब स्मारक न्यास को सौंपा जा चुका है। 

अब सरकार ने स्मारक के काम को आगे बढ़ाने के लिए 100 करोड़ रुपए की मंजूरी भी दे दी। यह राशि मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) खर्च करेगा। इस अवसर पर मुनगंटीवार ने यह भी कहा कि दोनों दल पहले भी गठबंधन करके चुनाव लड़ते रहे हैं, और आगे भी गठबंधन करके ही लड़ेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि लोकसभा चुनाव गठबंधन करके ही लड़ा जाएगा। हालांकि शिवसेना अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का प्रस्ताव पारित कर चुकी है, और उसके नेता समय-समय पर अकेले लड़ने की बात दोहराते आ रहे हैं। इसके बावजूद भाजपा अपनी ओर से शिवसेना के प्रति तीखे शब्दों का इस्तेमाल करने से बच रही है।   


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