मुंबई, राज्य ब्यूरो। महाराष्ट्र में बहुप्रचलित एवं अनेक अवसरों पर समूह में गाए जानेवाले गीत ‘जय जय महाराष्ट्र माझा’ को राज्यगान का दर्जा दिया जाएगा। यह फैसला मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। महाराष्ट्र के संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने पिछले वर्ष अक्तूबर में ही इस गीत को राज्यगान का दर्जा देने की घोषणा की थी। उनका मानना है कि यह गीत हमारा उत्थान गीत है। इसमें ऊर्जा छलकने का आभास होता है।
इसलिए इसे राज्यगान का दर्जा देने पर विचार किया जा रहा है। इस गीत के रचयिता कवि राजा बाधे एवं इसके प्रथम गायक साहिर साबले के नाम से विख्यात बल्लादीर कृष्णराव साबले हैं। चूंकि यह गीत लंबा है। इसलिए इसकी कुछ कड़ियां काट कर इसकी दो कड़ियों को ही राज्यगान के रूप में गाया जाएगा।
19 फरवरी को छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के अवसर पर इसे राज्यगान के रूप में मान्यता देने की घोषणा की जाएगी। इस गाने को प्रेरणा गीत, पूर्ति गीत के नाम से भी जाना जाता है और पिछले कई दशकों से पूरा महाराष्ट्र इस गाने का दीवाना हो गया है।
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