भारी बरसात से मुंबई-नागपुर बेहाल, यातायात प्रभावित
नई मुंबई, पालघर, ठाणे सहित मुंबई के पवई, मुलुंड, भांडुप आदि उपनगरों में लगातार तेज बरसात हुई। जिसके कारण सड़कों पर पानी भर जाने से यातायात रुक गया।
मुंबई, राज्य ब्यूरो । मुंबई और नागपुर सहित महाराष्ट्र का बड़ा हिस्सा पिछले 36 घंटों में हुई बरसात से बेहाल दिख रहा है। शुक्रवार को नागपुर में हुई भारी बरसात के कारण विधानमंडल के पावस सत्र की कार्यवाही रोकनी पड़ी थी। जबकि शनिवार सुबह से मुंबई के कई हिस्सों में हुई जबर्दस्त बारिश के कारण लोकल ट्रेनें, विमान सेवाएं एवं सड़क यातायात, तीनों प्रभावित हुए हैं।
मुंबई और इसके आसपास तेज बरसात का दौर शनिवार सुबह करीब 10 बजे से शुरू हुआ। नई मुंबई, पालघर, ठाणे सहित मुंबई के पवई, मुलुंड, भांडुप आदि उपनगरों में लगातार तेज बरसात हुई। जिसके कारण सड़कों पर पानी भर जाने से यातायात रुक गया। कल्याण से बदलापुर एवं कल्याण से कर्जत मार्ग के ट्रैक पर पानी भर जाने के कारण लोकल ट्रेनों का आवागमन कल्याण से आगे सुरक्षा कारणों से रोक दिया गया। मध्य रेल के सूत्रों के अनुसार लंबी दूरी की कुछ ट्रेनों का आवागमन भी रोकना पड़ा है। खराब मौसम के कारण हवाई पट्टी पर पानी भर जाने से कई विमान सेवाएं आधे घंटे से पौने घंटे तक देर से चल रही हैं। यातायात बाधित होने के कारण लोगों को कार्यालय पहुंचने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ा।
पिछले सप्ताह ही भारी बरसात के कारण मुंबई के अंधेरी स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक पार करने के लिए बना एक पुराना फुटओवर ब्रिज गिर गया था। अंधेरी क्षेत्र में पश्चिम एक्सप्रेस हाइवे पर यातायात जाम के कारण लोगों को विमानतल पहुंचने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग एवं मौसम की जानकारी देने वाली निजी क्षेत्र की कंपनी स्काईमेट के अनुसार मुंबई और आसपास के क्षेत्रों में अगले 24 घंटे में भारी बरसात हो सकती है।
मुंबई से सटे पालघर जनपद एवं नई मुंबई में भी शनिवार सुबह भारी बरसात का असर देखने को मिला। पालघर में पहाड़ी नदियां उफनती देखी गईं। जबकि नई मुंबई में सड़कों में जलभराव के कारण वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। एक दिन पहले नागपुर में शुरु हुई बरसात का दौर वहां अभी भी जारी है। शुक्रवार को नागपुर में 266 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। जिसके कारण नागपुर शहर सहित विधानसभा में भी पानी भर गया और विधानमंडल के पावस सत्र की कार्यवाही दिन भर के लिए रोकनी पड़ी।
परंपरागत रूप से महाराष्ट्र विधानमंडल का शीतकालीन सत्र नागपुर में होता आया है। लेकिन इस बार महाराष्ट्र सरकार ने शीतकालीन सत्र मुंबई में और वर्षाकालीन सत्र नागपुर में करने का निर्णय किया। और यह निर्णय उसके लिए सिर मुंड़ाते ही ओले पडऩे जैसा हो गया। विधानभवन में पानी भरने के कारण सरकार को चौतरफा आलोचना का शिकार होना पड़ रहा है। नागपुर शहर ने भी बरसात का ऐसा मंजर लंबे समय बाद देखा। जब लोगों के घरों में पानी घुस गया और सड़कों पर रबड़ की नौकाएं चलानी पड़ीं। नागपुर सहित संपूर्ण विदर्भ में बरसात अभी भी जारी है।