पत्नी पीड़ितों ने सूर्पनखा का पुतला दहन कर मनाया दशहरा
पत्नी से पीड़ित लोगों के संघ पत्नी पीड़ित पुरुष संगठन के सदस्यों ने औरंगाबाद के समीप करोली गांव में पुतला दहन किया।
औरंगाबाद (महाराष्ट्र), प्रेट्र। दशहरा के मौके पर रावण का पुतला दहन करने की परंपरा है। लेकिन औरंगाबाद में कुछ पत्नी पीड़ितों ने अलग अंदाज में दशहरा मनाया। ऐसे पतियों ने सूर्पनखा का पुतला जलाया। सूर्पनखा लंका के राजा रावण की बहन थी।
पत्नी से पीड़ित लोगों के संघ 'पत्नी पीड़ित पुरुष संगठन' के सदस्यों ने गुरुवार की शाम औरंगाबाद के समीप करोली गांव में पुतला दहन किया। संगठन के संस्थापक भरत फुलारे ने कहा, 'भारत में सभी कानून पुरुषों के खिलाफ हैं। ये सभी महिलाओं का समर्थन करते हैं। महिलाएं छोटे-छोटे मुद्दों पर अपने पति और ससुराल के लोगों प्रताड़ित करने के लिए इसका दुरुपयोग करती हैं। हम देश में पुरुषों के खिलाफ इस अन्याय का विरोध करते हैं। सांकेतिक कदम के रूप में हमारे संगठन ने दशहरा के मौके पर गुरुवार शाम सूर्पनखा का पुतला दहन किया।'
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, सूर्पनखा ही राम और रावण के बीच युद्ध के मूल में थी। सूर्पनखा के अपमान का बदला लेने के लिए रावण ने साधु का वेश धारण किया और सीता हरण किया था। इसके बाद ही युद्ध हुआ था।
फुलारे ने दावा किया कि 2015 के रिकार्ड के अनुसार देश में आत्महत्या करने वाले कुल विवाहितों में से 74 फीसद पुरुष थे। संगठन के कुछ सदस्यों ने देश में चल रहे मी टू आंदोलन पर भी सवाल उठाया।