गैंगस्टर एजाज लकड़ावाला ने पुलिस से बचने को गिरगिट से भी ज्यादा बदले रंग
बिहार की राजधानी पटना में गिरफ्तार किया गया गैंगस्टर एजाज लकड़ावाला रंग बदलने के मामले में गिरगिट से भी माहिर निकला।
मुंबई, मिड डे। बिहार की राजधानी पटना में गिरफ्तार किया गया गैंगस्टर एजाज लकड़ावाला रंग बदलने के मामले में गिरगिट से भी माहिर निकला। वर्ष 1998 में फरार होने के बाद वह अलग-अलग वेशभूषा के साथ विभिन्न देशों में घूमता रहा और अच्छी अंग्रेजी भी सीख ली। इन झांसों की बदौलत वह भले ही 20 वर्षों से ज्यादा समय तक फरार रहा, लेकिन मुंबई पुलिस ने भी उसका पीछा नहीं छोड़ा।
एजाज लकड़ावाला ने पुलिस की आंखों में धूल झोंकने के लिए हर संभव कोशिश की। उसने न सिर्फ अपने रूप-रंग बदले, बल्कि अपनी हर फर्जी पहचान के अनुरूप वह जीवनशैली भी बदलता रहा। उसके कुछ फर्जी नामों में अक्षय प्रीतमदास भाटिया और मनीष आडवाणी शामिल हैं।
छोटा राजन के साथ ही छोड़ दिया था दाऊद का गैंग
मुंबई का गैंगस्टर लकड़ावाला दाऊद के गिरोह में तो शामिल हो गया था, लेकिन वह छोटा राजन का ज्यादा वफादार रहा। जब छोटा राजन दाऊद से अलग हो गया तो लकड़ावाला ने भी डी. कंपनी छोड़ दी। वर्ष 1988 में वह दुबई भाग गया और वर्ष 1993 में वापस भारत लौटा। वर्ष 1996 में वह मुंबई धमाका (वर्ष 1993) के आरोपित फरीद की हत्या में नामजद हुआ। इस मामले में मुंबई पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया, लेकिन वर्ष 1998 में जेजे हॉस्पिटल से स्वास्थ्य जांच के दौरान वह हिरासत से फरार हो गया।
छोटा राजन पर हुए हमले में लकड़ावाला को लगी थीं सात गोलियां
बैंकॉक में वर्ष 2000 में छोटा राजन पर जब हमला हुआ था तब लकड़ावाला भी उसके साथ था। मुंबई पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस हमले में लकड़ावाला को भी सात गोलियां लगी थीं। उसके शरीर पर उन गोलियों के निशान अब भी मौजूद हैं। बैंकॉक में हुए हमले के बाद लकड़ावाला लगातार देश बदलता रहा। इस दौरान उसने घाना, कंबोडिया, अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और नेपाल में पनाह ली।