Maharashtra: आपत्तिजनक ट्वीट को लेकर शरजील उस्मानी के खिलाफ एफआइआर
Maharashtra जालना के अंबाद निवासी हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ता अंबादास अंभोरे ने आरोप लगाया कि शरजील उस्मानी ने ट्विटर पर हाल ही में किए गए कुछ पोस्ट में भगवान राम के लिए अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया है।
औरंगाबाद (महाराष्ट्र), प्रेट्र। Maharashtra: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र नेता शरजील उस्मानी के खिलाफ महाराष्ट्र के जालना जिले में एफआइआर दर्ज कराई गई है। एक पुलिस अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि पूर्व छात्र ने कुछ आपत्तिजनक ट्वीट किए थे, जिसे लेकर मामला दर्ज किया गया है। जालना के अंबाद निवासी हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ता अंबादास अंभोरे ने आरोप लगाया कि उस्मानी ने ट्विटर पर हाल ही में किए गए कुछ पोस्ट में भगवान राम के लिए अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया है। अंबाद पुलिस ने बुधवार रात उस्मानी के खिलाफ भादवि की धारा 295-ए (धार्मिक भावनाओं पर ठेस पहुंचाने वाला विद्वेषपूर्ण कृत्य) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया। अधिकारी ने कहा कि जांच के लिए मामला जालना साइबर विभाग के पास भेजा जाएगा। इस साल के शुरू में पुणे पुलिस ने उस्मानी के खिलाफ भादवि की धारा 153 (ए)(धार्मिक आधार पर विभिन्न समुदायों के बीच विद्वेष को बढ़ावा देना) के तहत मामला दर्ज किया था। पुणे में 30 जनवरी को आयोजित एलगार परिषद कार्यक्रम के दौरान दिए गए उकसाने वाले भाषण के लिए दर्ज मामले में उस्मानी मार्च में अपना बयान दर्ज करा चुका है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में 30 जनवरी को पुणे में एलगार परिषद के दौरान कथित रूप से सांप्रदायिक बयान देने के मामले में शरजील उस्मानी ने पुणे में अपना बयान दर्ज कराया। बांबे हाई कोर्ट ने कार्यकर्ता शरजील उस्मानी को पूछताछ के लिए पुणे पुलिस के सामने हाजिर होने के लिए कहा था। शरजील के खिलाफ इस साल एलगार परिषद के कार्यक्रम में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में एफआइआर दर्ज की गई थी। एलगार परिषद और नक्सली संपर्क मामले में आरोपित कार्यकर्ता आनंद तेलतुंबडे भाकपा (माओवादी) का 'सक्रिय सदस्य' है और संगठन का एजेंडा मजबूत करने के अभियान में 'गहरे तौर पर संलिप्त' है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने मुंबई में विशेष अदालत को यह जानकारी दी। एनआइए ने तेलतुंबडे की जमानत अर्जी के लिखित जवाब में 26 फरवरी को यह बात कही है। जवाब की एक प्रति मंगलवार को उपलब्ध कराई गई। इस साल जनवरी में तेलतुंबडे ने एनआइए की विशेष अदालत में जमानत अर्जी दायर कर दावा किया कि उसके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला है। अभियोजन पक्ष की कहानी कि वह सरकार के खिलाफ लड़ाई के लिए भड़का रहे थे, सिर्फ 'मनगढंत है।'