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मेहुल चोकसी की याचिकाओं पर 10 जून तक के लिए सुनवाई स्थगित

प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट में कहा था कि मेहुल चोकसी पर पीएनबी घोटाले में 6097 करोड़ रुपये का घोटाले का आरोप है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Tue, 04 Jun 2019 10:55 AM (IST)Updated: Tue, 04 Jun 2019 02:10 PM (IST)
मेहुल चोकसी की याचिकाओं पर 10 जून तक के लिए सुनवाई स्थगित

मुंबई, एएनआइ। 13 हजार करोड़ के पीएनबी घोटाले में बांबे हाईकोर्ट ने मेहुल चोकसी की याचिका पर सुनवाई 10 जून तक के लिए स्थगित कर दी है। इस घोटाले के मुख्य आरोपित में से एक चोकसी ने याचिका में दावा किया है कि पीएनबी घोटाले की जांच अधूरी है और इसमें आगे भी जांच होनी चाहिए। लिहाजा, बांबे हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से पूछा है कि क्या किसी आरोपित को विशेष अदालत के समक्ष अदालती कार्यवाही में हिस्सा लेने का अधिकार है।

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वहीं, ईडी ने चोकसी की मेडिकल रिपोर्टों को गुमराह करने वाला करार देते हुए कहा कि वह बांबे हाईकोर्ट के समक्ष पेश होने से बचने के लिए वह बहाने बना रहा है। जांच एजेंसी ने जस्टिस आइए महंती की अदालत में अपने हलफनामे में कहा कि वह जानबूझकर कानूनी प्रक्रिया को लंबित करने की कोशिश कर रहा है।

पीएनबी घोटाले में मुख्य आरोपित नीरव मोदी के मामा और हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी ने मंगलवार को हाईकोर्ट में दो याचिकाएं दायर की हैं। पहले में उसने खुद को आर्थिक भगोड़ा अपराधी घोषित करने को कहा है और दूसरे में उसने उस व्यक्ति से सवाल-जवाब करने की इजाजत मांगी है जिसके बयान के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उसे अपराधी घोषित किया गया है। 

विगत सोमवार को एक विशेष अदालत मेहुल चोकसी की याचिका पर सीबीआइ को नोटिस जारी कर चुकी है। चोकसी के वकील विजय अग्रवाल की ओर से दायर यह याचिका सुनवाई के लिए विशेष सीबीआइ जज यूएम मुधोल्कर की अदालत में आई। उन्होेंने इस मामले की अगली सुनवाई 17 जून को तय की है। आरोपित चोकसी की याचिका में दावा किया गया है कि जांच अधिकारी ने विभिन्न अहम पहलुओं को नजरअंदाज किया जिससे जांच अधूरी है। आइओ ने बिना उचित व पूर्ण जांच के अदालत में अधूरा आरोप पत्र दाखिल किया है।

मेहुल चोकसी ने खुद को पाक-साफ बताते हुए याचिका में कहा है कि अधूरी जांच के चलते उसे कारोबार में विफलता मिली है। उसकी कारोबारी विफलता को सीबीआइ ने घोटाला बताया। जबकि खामियां उसकी ओर से नहीं बल्कि बैंक और ऑडिटरों की ओर से बरती गईं थीं। याचिकाकर्ता ने यह भी दावा किया कि दो फरवरी और 15 फरवरी, 2018 को सीबीआइ ने उसके खिलाफ झूठे एफआइआर दर्ज किए। उल्लेखनीय है कि चोकसी और उसका भांजा नीरव मोदी पीएनबी घोटाले में मुख्य आरोपित हैं। वह दोनों एक साल पहले देश छोड़कर भाग गए थे।

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