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ईडी ने औरंगाबाद में PMAY योजना में अनियमितताओं की जांच के लिए मनी लॉन्ड्रिंग का मामला किया दर्ज

सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जिले में PMAY योजना के निविदा आवंटन में कथित अनियमितताओं की जांच के तहत महाराष्ट्र में छापे मारने के बाद आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए हैं। बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग का मामला राज्य पुलिस की एक प्राथमिकी से उपजा है।

By AgencyEdited By: Ashisha Singh RajputPublished: Mon, 20 Mar 2023 03:53 PM (IST)Updated: Mon, 20 Mar 2023 03:53 PM (IST)
ईडी ने औरंगाबाद में PMAY योजना में अनियमितताओं की जांच के लिए मनी लॉन्ड्रिंग का मामला किया दर्ज
जांच में यह पाया गया कि सभी तीन ई-टेंडर एक ही आईपी एड्रेस से अपलोड किए गए थे।

मुंबई, पीटीआई। पिछले कुछ महीने से मुंबई के औरंगाबाद में बहुचर्चित प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) को लेकर घोटालों की खबर सामने आ रही हैं। वहीं सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जिले में PMAY योजना के निविदा आवंटन में कथित अनियमितताओं की जांच के तहत महाराष्ट्र में छापे मारने के बाद 'आपत्तिजनक' दस्तावेज जब्त किए हैं।

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कुल नौ स्थानों की ली गई तलाशी

आपको बता दें कि इस मामले में संघीय जांच एजेंसी द्वारा औरंगाबाद, पुणे और अकोला में कुल नौ स्थानों की तलाशी ली गई है। मनी लॉन्ड्रिंग का मामला राज्य पुलिस की एक प्राथमिकी से उपजा है, जिसे औरंगाबाद नगर निगम द्वारा समरथ कंस्ट्रक्शन एंड जेवी, इंडो ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विसेज, जगुआर ग्लोबल सर्विसेज और उनके संबंधित भागीदारों के खिलाफ दायर किया गया था।

'जालसाजी और एक कार्टेल' का गठन

ईडी ने अपने एक आधिकारिक बयान में कहा कि औरंगाबाद में 40,000 पीएमएवाई घरों के निर्माण के लिए अवैध रूप से नगरपालिका निकाय की निविदा जीतने के लिए 'जालसाजी और एक कार्टेल' का गठन किया गया है। आपको मालूम हो कि पीएमएवाई योजना औरंगाबाद में सात भूखंडों/स्थलों पर लागू की जानी थी।

क्या कहा जांच एजेंसी ने

एजेंसी ने कहा, 'जांच में यह पाया गया कि सभी तीन ई-टेंडर एक ही आईपी एड्रेस से अपलोड किए गए थे। पीएमएवाई नियामकों द्वारा इस विसंगति की पहचान करने के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई थी कि जीतने वाली फर्म इतनी बड़ी परियोजना को लागू करने में वित्तीय रूप से सक्षम नहीं थी।'

ईडी ने पाया कि समरथ कंस्ट्रक्शन एंड जेवी को टेंडर आवंटित किया गया था, लेकिन 46.24 करोड़ रुपये की प्रदर्शन बैंक गारंटी में से उन्होंने केवल 88.60 लाख रुपये की बैंक गारंटी ही जमा की गई थी। एजेंसी ने यह भी आरोप लगाया कि समरथ कंस्ट्रक्शन एंड जेवी ने नई निविदा प्रक्रिया के बिना 19.22 हेक्टेयर से 120 हेक्टेयर के लिए प्रारंभिक निविदा का विस्तार करवाकर उचित प्रक्रिया को में गड़बड़-घोटाला किया गया। बता दें कि इस घोटाले में सरकारी सब्सिडी की राशि लगभग 1,000 करोड़ रुपये है।


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