Amravati Violence: देवेंद्र फड़नवीस ने अमरावती की हिंसा को साजिश करार दिया
Amravati Violence देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि अमरावती और महाराष्ट्र के कुछ अन्य शहरों में हाल की हिंसक घटनाएं एक साजिश थी। इसका मकसद राज्य में जान-बूझकर अशांति पैदा करना था। हिंसा के बाद भाजपा और हिंदू संगठनों के खिलाफ पुलिस की एकतरफा कार्रवाई तत्काल बंद होनी चाहिए।
अमरावती, प्रेट्र। वरिष्ठ भाजपा नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने रविवार को कहा कि अमरावती और महाराष्ट्र के कुछ अन्य शहरों में हाल की हिंसक घटनाएं एक साजिश थी। इसका मकसद राज्य में जान-बूझकर अशांति पैदा करना था। उन्होंने कहा कि हिंसा के बाद भाजपा और हिंदू संगठनों के खिलाफ पुलिस की एकतरफा कार्रवाई तत्काल बंद होनी चाहिए, अन्यथा भाजपा जेल भरो आंदोलन शुरू करेगी। फड़नवीस ने यह आरोप भी लगाया कि महाराष्ट्र सरकार 12 नवंबर की हिंसक घटना की अनदेखी कर रही है। इसके बदले वह सिर्फ इसके अगले दिन हुई प्रतिक्रिया पर अपना ध्यान दे रही है। भाजपा नेता ने रविवार को अमरावती के मसानगंज और हनुमाननगर इलाकों का दौरा किया और अस्पताल जाकर हिंसा में घायल लोगों से मुलाकात की। उल्लेखनीय है कि 12 नवंबर को त्रिपुरा की सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों में कुछ मुस्लिम संगठनों ने रैलियां निकाली थीं। इस दौरान पत्थरबाजी की घटनाएं हुई थीं। फड़नवीस ने कहा कि ये रैलियां गलत सूचनाओं के आधार पर निकाली गई थीं। यह राज्य में अशांति उत्पन्न करने का जान-बूझकर और सुनियोजित प्रयास था।
इससे पहले फड़नवीस ने कहा था कि पिछले सप्ताह अमरावती और मालेगांव में विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा पूर्व नियोजित थी। पार्टी पदाधिकारियों और विधायकों के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इसका मकसद समाज का ध्रुवीकरण करना था। इधर,एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि हिंसक घटनाओं के सिलसिले में मंगलवार दोपहर तक कुल 188 आरोपित गिरफ्तार किए गए। शहर में 12 और 13 नवंबर को एक के बाद एक कई हिंसक घटनाएं हुई थीं, लेकिन अब स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राजेंद्र सिंह ने अमरावती में भाजपा द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान दुकानों पर पथराव किया गया था। इससे एक दिन पहले एक मुस्लिम संगठन की रैली के दौरान पथराव किया गया था। मुस्लिम संगठन ने त्रिपुरा में कथित सांप्रदायिक हिंसा के विरोध में रैली निकाली थी। इस बीच, शांति भंग करने के उद्देश्य से इंटरनेट मीडिया पर भड़काऊ संदेश और वीडियो अपलोड करने के आरोप में लातूर में पुलिस ने पिछले दो दिनों के भीतर चार लोगों के खिलाफ तीन मामले दर्ज किए हैं।