दाऊद का साथी फारुक टकला दुबई से गिरफ्तार
जहां सीबीआइ की टीम उससे पूछताछ में जुटी है। सीबीआइ फारुक टकला को टाडा कोर्ट में पेश कर उसकी कस्टडी लेने की कोशिश करेगी।
मुंबई, एजेंसी। मुंबई बम धमाकों के आरोपी और दाऊद इब्राहिम के करीबी फारुक टकला को दुबई से गिरफ्तार कर मुंबई लाया गया है। टकला को मुंबई में टाडा कोर्ट के सामने पेश किया जाना है। फारुक टकला 1993 में मुंबई में हुए बम धमाकों के बाद ही देश से फरार हो गया था। उसके खिलाफ 1995 में रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था। फारुक को गुरुवार सुबह एयर इंडिया की फ्लाइट से मुंबई लाया गया। जहां सीबीआइ की टीम उससे पूछताछ में जुटी है। सीबीआइ फारुक टकला को टाडा कोर्ट में पेश कर उसकी कस्टडी लेने की कोशिश करेगी।
सीबीआइ को फारुक से कई अहम जानकारियां मिल सकती है। सीबीआइ फारुक से दाऊद के बारे जानकारी हासिल करने की कोशिश करेगी। इसबीच राकांपा नेता और वरिष्ठ वकील मजिद मेनन ने कहा कि फारुक टकला का वापस मुंबई आना यह दर्शाता है कि उसने ट्रायल के लिए वापस आने की इच्छा व्यक्त की थी। उसे निश्चित रूप से हिरासत में भेज दिया जाएगा और जमानत के बारे में कोई प्रश्न ही नहीं उठता। वह जेल में ही रहेगा।
वरिष्ठ वकील उज्जवल निकम ने कहा कि यह एक बहुत बड़ी सफलता है। फारुक 1993 में हुए मुंबई बम विस्फोटों में शामिल था। यह डी-गैंग के लिए बहुत बड़ा झटका है। फारुकटकला पर 1993 में मुंबई के सीरियल धमाके की साजिश रचने का आरोप है। भारत की अपील के बाद 1995 में टकला के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था।
फारुक टकला पर साजिश, मर्डर और आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। 12 मार्च, 1993 को दोपहर करीब 1.29 बजे मुंबई की एयर इंडिया बिल्डिंग, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, झावेरी बाजार, होटल सीरॉक और होटल जुहू सेंटर पर एक के बाद एक 12 धमाके हुए। इन धमाकों में 257 लोगों की मौत हो गई और 700 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे। इन धमाकों में बड़ी मात्रा में आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया था।
इन धमाकों में 27 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान भी हुआ था। साल 2007 में टाडा कोर्ट ने 100 लोगों को सजा सुनाई। भारत आना चाहता है दाऊद अंडरवल्र्ड डॉन और 1993 मुंबई बम ब्लास्ट का मास्टरमाइंड दाऊद इब्राहिम भारत आने को तैयार है। वापसी के लिए उसने कुछ शर्तें भी रखी हैं जिसे भारत सरकार स्वीकार नहीं कर सकती। मुंबई के ठाणे कोर्ट के बाहर मीडिया से बात करते हुए दाऊद के भाई इकबाल इब्राहिम कासकर के वकील केसवानी ने कहा था कि दाऊद की मांग है कि उसे सिर्फ मुंबई की आर्थर रोड जेल में रखा जाए क्योंकि वह सबसे सुरक्षित है।