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Maharashtra: जनस्वास्थ्य की जिम्मेदारी राज्य की, गड़बड़ी पर कार्रवाई करे सरकारः बॉम्बे हाईकोर्ट

Maharashtra बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि केंद्र की जिम्मेदारी बनती है कि वह वेंटिलेटर बनाने वाली कंपनियों और राज्य सरकारों के बीच समन्वय स्थापित करे लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। इसके चलते महामारी के समय में मरीजों को वेंटिलेटर की सुविधा नहीं मिल पा रही है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sat, 29 May 2021 08:51 PM (IST)Updated: Sat, 29 May 2021 08:51 PM (IST)
Maharashtra: जनस्वास्थ्य की जिम्मेदारी राज्य की, गड़बड़ी पर कार्रवाई करे सरकारः बॉम्बे हाईकोर्ट
जनस्वास्थ्य की जिम्मेदारी राज्य की, गड़बड़ी पर कार्रवाई करे सरकारः बॉम्बे हाईकोर्ट। फाइल फोटो

औरंगाबाद, एएनआइ। जनस्वास्थ्य के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार होती है और राज्य में चलने वाले सभी अस्पतालों की जिम्मेदारी भी सरकार की होती है। इसलिए राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी समझे और उसके अनुसार कोविड महामारी और ब्लैक फंगस बीमारी के इलाज के इंतजाम करे। शनिवार को यह बात बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने इलाके में चिकित्सा की स्थिति का स्वत: संज्ञान लेकर कही। कोर्ट के संज्ञान में आया है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से औरंगाबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल को मिले 113 वेंटिलेटर काम नहीं कर रहे हैं। उनमें कई तरह की गड़बडि़यां हैं। इस मामले में केंद्र सरकार की भ‌र्त्सना करते हुए कोर्ट ने कहा कि केंद्र की जिम्मेदारी बनती है कि वह वेंटिलेटर बनाने वाली कंपनियों और राज्य सरकारों के बीच समन्वय स्थापित करे, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। इसके चलते महामारी के समय में मरीजों को वेंटिलेटर की सुविधा नहीं मिल पा रही है। उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमित गंभीर हालत वाले मरीजों के फेफड़ों की गतिशीलता बरकरार रखने के लिए वेंटिलेटर का इस्तेमाल होता है।

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हाईकोर्ट के संज्ञान में आया है कि वेंटिलेटर की आपूर्तिकर्ता कंपनी मशीन की खामियों को दूर करने के लिए कुछ नहीं कर रही है। मामले में औरंगाबाद मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने हाईकोर्ट के समक्ष इस बाबत रिपोर्ट पेश की है। पीठ ने कहा, संविधान के अनुसार जन स्वास्थ्य की देखभाल राज्य का विषय है। इसलिए इस तरह की लापरवाही के मामले में राज्य सरकार विधि सम्मत कार्रवाई के लिए सक्षम है। राज्य सरकार अपने उन्हीं अधिकारों का इस्तेमाल कर वेंटिलेटर को ठीक से कार्य करने लायक बनवाए। सुनवाई में केंद्र सरकार की ओर से पेश सहायक महाधिवक्ता अजय जी तलहर ने वेंटिलेटर न चला पाने के लिए अस्पताल कर्मियों को दोषी बताया। कहा कि उनमें तकनीक जानकारी की कमी है जिसके चलते वे स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आपूर्ति किए वेंटिलेटर नहीं चला पा रहे हैं। इस पर पीठ ने सख्त आपत्ति जताई और कहा कि इस तरह का दोषारोपण करके जिम्मेदारी से नहीं बचा जा सकता। पीठ ने दो जून को अगली सुनवाई तक कंपनी से संपर्क कर वेंटिलेटरों को दोषमुक्त कराने का निर्देश दिया।


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