Maharashtra: बांबे हाईकोर्ट ने पीएम केयर्स से पीएम का नाम व फोटो हटाने की याचिका पर केंद्र को जारी किया नोटिस
बांबे हाईकोर्ट ने पीएम केयर्स ट्रस्ट फंड से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम और फोटो हटाने संबंधी एक याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। इस मुद्दे को बेहद अहम बताते हुए अदालत ने केंद्र से 23 दिसंबर तक हलफनामा दायर करने को कहा है।
मुंबई, प्रेट्र। पीएम केयर्स ट्रस्ट फंड से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम और फोटो हटाने संबंधी एक याचिका पर बांबे हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। इस मुद्दे को बेहद अहम बताते हुए अदालत ने केंद्र से 23 दिसंबर तक हलफनामा दायर करने को कहा है। कांग्रेस सदस्य विक्रांत चहाण की याचिका में पीएम केयर्स (प्राइम मिनिस्टर सिटिजन एसिस्टेंस एंड रिलीफ इन इमरजेंसी सिचुएशंस) ट्रस्ट फंड से पीएम का नाम और फोटो हटाने के साथ ही राष्ट्रीय ध्वज की फोटो भी हटाने की अपील की गई है। चीफ जस्टिस दिपांकर दत्ता और जस्टिस एमएस कार्निक की खंडपीठ ने कहा कि इस विषय में केंद्र सरकार ने अभी तक कोई हलफनामा दायर नहीं किया है। उन्होंने केंद्र सरकार के वकील अतिरिक्त सालीसिटर जनरल अनिल सिंह से कहा कि यह भी एक अहम मुद्दा है। अपना जवाब दाखिल करें।
खंडपीठ ने 23 दिसंबर तक हलफनामा दायर करने का निर्देश देकर अगली सुनवाई तीन जनवरी, 2022 को सुनिश्चित कर दी है। इस याचिका में कहा गया है कि पीएम केयर्स एक निजी ट्रस्ट है और इसमें पीएम का नाम और फोटो जारी किया जाना असंवैधानिक है। ध्यान रहे कि पीएम केयर्स ट्रस्ट को 27 मार्च, 2020 को गठित किया गया था। एक जनस्वास्थ्य की आपदा और आपात स्थिति में मदद के लिए बनाया गया था। इस ट्रस्ट में दान की गई रकम को आयकर से छूट दी गई है।
गौरतलब है कि पीएम केयर्स फंड के कामकाज में केंद्र या राज्य सरकारों का कोई नियंत्रण नहीं है। यह सरकारी फंड नहीं है और पूरी पारदर्शिता के साथ काम करता है। इसके द्वारा एकत्र की गई राशि भारत के संचित कोष में नहीं जाती है और भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक के एक पैनल के चार्टर्ड एकाउंटेंट द्वारा इसका आडिट किया जाता है। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में अवर सचिव प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने एक याचिका पर यह जानकारी दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल व न्यायमूर्ति अमित बंसल की पीठ के समक्ष हलफनामा दाखिल करके दी।