अगर कंगना ने साबित किया कि ढांचा कानूनन वैध था तो बीएमसी को करना पड़ सकता है ऑफिस का पुनर्निर्माण
Kangana Ranaut बीएमसी को कंगना के पाली हिल ऑफिस के ढहाए गए हिस्से का पुनर्निर्माण करना पड़ सकता है अगर उन्होंने अदालत में साबित कर दिया कि निर्माण अधिकृत था।
मिडडे, मुंबई। Kangana Ranaut: कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) को अभिनेत्री कंगना रनोट के पाली हिल ऑफिस के ढहाए गए हिस्से का पुनर्निर्माण करना पड़ सकता है, अगर उन्होंने अदालत में साबित कर दिया कि निर्माण अधिकृत था। उनका यह भी कहना है कि 30 सितंबर तक इमारतों को ढहाए जाने पर रोक का हाई कोर्ट का आदेश कंगना के ऑफिस पर लागू नहीं है। आपराधिक मामलों के वरिष्ठ वकील दिनेश तिवारी का कहना है कि अगर ढहाने की कार्रवाई अवैध पाई गई तो पुनर्निर्माण के साथ-साथ बीएमसी को हर्जाना भी देना पड़ सकता है। यह राजनीतिक बदले की कार्रवाई है। संपत्ति मामलों के वरिष्ठ वकील विनोद सम्पत ने भी इसी तरह की राय व्यक्त करते हुए कहा कि बीएमसी को एक समान नीति अपनानी चाहिए।
ऐसा कई बार होता है जब नोटिस जारी किए जाते हैं और वर्षों तक वे उस पर सोते रहते हैं। कोई भी यह नहीं समझ पाया कि इस मामले में इतनी तेजी क्यों दिखाई गई। ऐसा लगता है कि यह कार्रवाई राजनीतिक दबाव में की गई है। सम्पत ने यह भी स्पष्ट किया कि हाई कोर्ट का 30 सितंबर तक विध्वंस पर रोक का आदेश सिर्फ उन मामलों पर लागू है, जिन पर पूर्व में रोक का आदेश जारी किया जा चुका है। बीएमसी नोटिस जारी होने के बाद रनोट ने अदालत का आदेश हासिल नहीं किया था।
राज्यपाल ने उद्धव के सलाहकार को तलब किया
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कंगना के ऑफिस में बीएमसी की तोड़फोड़ पर नाराजगी जाहिर की है। कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के विशेष सलाहकार अजोय मेहता को तलब किया और अपनी नाराजगी जताई।
अमिताभ सहित सात के बंगले नियमित कर चुकी है बीएमसी
मुंबई, राज्य ब्यूरो। अभिनेत्री कंगना रनोट के ऑफिस में तोड़फोड़ करने वाली बीएमसी ऐसे निर्माणों को जुर्माना लगाकर नियमित भी करती रही है। गोरेगांव पूर्व में अमिताभ बच्चन सहित सात लोगों के ऐसे ही निर्माणों को मान्यता दी जा चुकी है।
बीएमसी के असिस्टेंट इंजीनियर, पी-दक्षिण वार्ड की तरफ से आरटीआइ कार्यकर्ता अनिल गलगली दी गई एक लिखित जानकारी में बताया गया है कि गोरेगांव पूर्व स्थित अमिताभ बच्चन, राजकुमार हीरानी, ओबेरॉय रियलिटी, पंकज बालाजी, संजय व्यास, हरेश खंडेलवाल और हरेश जगतानी के बंगलों को सात दिसंबर, 2016 को एमआरटीपी एक्ट की धारा 53(1) के तहत नोटिस दिए गए थे। इन सभी बंगलों में बीएमसी से मान्यता प्राप्त प्लान के अतिरिक्त निर्माण किए गए थे। छह मई, 2017 को इन सभी को एक और नोटिस देकर अवैध निर्माणों को नियमित करने की चेतावनी भी दी गई थी। लेकिन इसके बाद जरूरी औपचारिकताएं पूरी करते हुए इन सभी बंगलों में किए गए अवैध निर्माणों को नियमित कर दिया गया।
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