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Malegaon Blast Case: मालेगांव विस्फोट मामले में एनआइए कोर्ट में पेश हुईं भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर

BJP MP Pragya Thakur. अदालत से बाहर निकलने के बाद प्रज्ञा ने कहा कि जब भी कोर्ट समन करेगा वह उसके सामने हाजिर होंगी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 27 Feb 2020 07:29 PM (IST)Updated: Thu, 27 Feb 2020 07:29 PM (IST)
Malegaon Blast Case: मालेगांव विस्फोट मामले में एनआइए कोर्ट में पेश हुईं भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर
Malegaon Blast Case: मालेगांव विस्फोट मामले में एनआइए कोर्ट में पेश हुईं भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर

मुंबई, प्रेट्र। भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर गुरुवार को 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में एनआइए की विशेष अदालत में पेश हुई। इस मामले में वह भी एक आरोपित हैं। एक दिन पहले विशेष कोर्ट के न्यायाधीश वीएस पदलकर ने मामले के सभी आरोपितों को उनके आदेश (पिछले वर्ष मई में दिए गए) को ध्यान में रखने का निर्देश दिया था। उन्होंने सभी को सप्ताह में कम से कम एक बार कोर्ट में पेश होने के लिए कहा था।

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भोपाल की सांसद कोर्ट में दोपहर एक बजे के आसपास पेश हुई। उनकी कोर्ट में उपस्थिति का संज्ञान लेते हुए न्यायाधीश ने उन्हें जाने की अनुमति दी। अदालत से बाहर निकलने के बाद प्रज्ञा ने कहा कि जब भी कोर्ट समन करेगा वह उसके सामने हाजिर होंगी। इस मामले में वह जून 2019 में पेश हुई थीं। इस मामले में प्रज्ञा और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित समेत सात लोग सुनवाई का सामना कर रहे हैं।

उत्तर महाराष्ट्र के मालेगांव कस्बे में 29 सितंबर 2008 को एक मस्जिद के समीप मोटरसाइकिल में रखे गए विस्फोट की चपेट में आने से छह लोग मारे गए थे और करीब 100 घायल हो गए थे। पुलिस के अनुसार, यह मोटरसाइकिल ठाकुर के नाम पर पंजीकृत थी और इसी आधार पर उन्हें 2008 में गिरफ्तार किया गया था।

बता दें कि बांबे हाई कोर्ट ने 2017 में प्रज्ञा को जमानत दी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने क्लीन चिट दे दी, लेकिन निचली अदालत ने उन्हें मामले से आरोप मुक्त करने से इन्कार कर दिया। कोर्ट ने महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (रोकथाम) के तहत आरोप हटा लिया है, लेकिन वह गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) एवं अन्य संबंधित कानूनों के तहत सुनवाई का सामना कर रही हैं।

84 के दंगे, आपातकाल से कांग्रेस की नैतिकता का पता चलता है

भाजपा सांसद प्रज्ञा ने कांग्रेस को 1984 के सिख विरोधी दंगे और आपातकाल की याद दिलाई। सांसद ने दिल्ली में हुई हिंसा पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से कांग्रेस द्वारा माफी मांगे जाने के जवाब में यह टिप्पणी की। शाह से इस्तीफे की मांग पर भाजपा सांसद ने कहा कि सिख विरोधी दंगे और 1975-77 के बीच आपातकाल से पार्टी की नैतिकता जाहिर है। प्रज्ञा ने कांग्रेस पर दिल्ली में हिंसा रचने का आरोप लगाया।

विशेष कोर्ट के जज का कार्यकाल बढ़ाने को सुप्रीम कोर्ट में याचिका

एएनआइ के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मालेगांव विस्फोट मामले की सुनवाई पूरी करने के लिए एनआइए की विशेष अदालत के न्यायाधीश वीएस पदलकर का कार्यकाल बढ़ाने की मांग की गई है। यह याचिका वकील गौरव अग्रवाल ने इस विस्फोट में मारे गए एक व्यक्ति के पिता की ओर से दायर की है। याचिका में सरकार को उपयुक्त निर्देश देने की भी मांग की गई है ताकि मामले की सुनवाई शीघ्र पूरी हो सके।

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