Move to Jagran APP

Maharashtra Politics: औरंगाबाद अब शंभाजीनगर, उस्मानाबाद का नाम भी बदला; जानें-उद्धव कैबिनेट के तीन बड़े फैसले

Maharashtra Politics हिंदुत्व के मुद्दे पर संकट में घिरी शिवसेनानीत महाविकास आघाड़ी सरकार ने बुधवार शाम मंत्रिमंडल की बैठक में महाराष्ट्र के दो नगरों औरंगाबाद और उस्मानाबाद के नाम बदल दिए। इसके अलावा नई मुंबई में बन रहे नए विमानतल का नामकरण भी कर दिया गया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Wed, 29 Jun 2022 08:03 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jun 2022 08:03 PM (IST)
Maharashtra Politics: औरंगाबाद अब शंभाजीनगर, उस्मानाबाद का नाम भी बदला; जानें-उद्धव कैबिनेट के तीन बड़े फैसले
औरंगाबाद अब शंभाजीनगर, उस्मानाबाद का नाम भी बदला; जानें-उद्धव कैबिनेट के तीन बड़े फैसले

मुंबई, राज्य ब्यूरो। महाराष्ट्र में हिंदुत्व के मुद्दे पर संकट में घिरी शिवसेनानीत महाविकास आघाड़ी सरकार ने बुधवार शाम मंत्रिमंडल की बैठक में महाराष्ट्र के दो नगरों औरंगाबाद और उस्मानाबाद के नाम बदल दिए। इसके अलावा नई मुंबई में बन रहे नए विमानतल का नामकरण भी कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ठाकरे ने इस मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सहयोग देने के लिए अपने मंत्रिमंडल के साथियों व अधिकारियों के प्रति आभार भी व्यक्त किया।

loksabha election banner

उद्धव सरकार ने बदले इनके नाम

शिवसेना संस्थापक बाला साहब ठाकरे अपने जीवनकाल भर महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में स्थित दो नगरों औरंगाबाद व उस्मानाबाद को क्रमशः संभाजीनगर व धाराशिव कहकर पुकारते रहे थे, लेकिन अब तक कांग्रेस कार्यकाल में तो इन दोनों नगरों का आधिकारिक नामांतरण नहीं हो सका था। दो बार शिवसेना-भाजपा की गठबंधन सरकार रहते हुए भी इन नगरों के नाम नहीं बदले जा सके थे। 2019 में शिवसेना द्वारा कांग्रेस व राकांपा के साथ मिलकर सरकार बनाए जाने के बाद भाजपा लगातार शिवसेना को इस मुद्दे पर घेरती रही थी। बुधवार शाम बुलाई गई मंत्रिमंडल की बैठक में उद्धव ने औरंगाबाद को संभाजीनगर व उस्मानाबाद को धाराशिव नाम देने का प्रस्ताव पारित कर दिया। इसके साथ ही नई मुंबई में बन रहे नए विमानतल का नाम लोकनेता डीबी पाटिल के नाम पर रखने का प्रस्ताव में पारित कर दिया गया है।

साथियों का जताया आभार

माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने की मंत्रिमंडल की बैठक मात्र इस नामांतरण के लिए बुलाई थी। क्योंकि एक दिन पहले ही मंगलवार को भी वह मंत्रिमंडल की एक बैठक कर चुके थे। बैठक के बाद मुख्यमंत्री ठाकरे ने मंत्रिमंडल के सभी साथियों का आभार व्यक्ति करते हुए कहा कि आज जो परिस्थिति पैदा हुई है, उनके प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कांग्रेस और राकांपा के मंत्रियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप दोनों पार्टियों के साथियों का पूरा सहयोग मुझे मिला। लेकिन हमारे ही कुछ लोगों ने हमें दगा दिया। जिसके कारण यह राजनीतिक संकट पैदा हुआ है। मुख्यमंत्रियों ने मंत्रिमंडल के साथियों के अलावा अधिकारियों का भी आभार जताते हुए कहा कि कामकाज से संबंधित बाकी विषय अगली मंत्रिमंडल की बैठक में रखे जाएंगे।

इसलिए बदले इनके नाम

उद्धव ठाकरे को कांग्रेस और राकांपा के साथ सरकार बनाने के बाद से ही हिंदुत्व के मुद्दे पर घेरा जाता रहा है। पहले उन्हें भाजपा घेरती रही है। करीब 10 दिन पहले पार्टी में बगावत होने के बाद से उन्हीं के पुराने साथी भी उन्हें हिंदुत्व के मुद्दे पर घेरते आ रहे हैं। इस कलंक से पीछा छुड़ाने के लिए ही उन्होंने लंबे समय से लंबित इन नामांतरण के मुद्दों पर फैसला लेने के लिए मंत्रिमंडल बैठक बुलाई थी। हालांकि यह बैठक शुरू होने के पहले ही कांग्रेस के दो मंत्री वर्षा गायकवाड़ व असलम शेख बैठक छोड़कर चले गए। माना जा रहा है कि यदि गुरुवार को प्रस्तावित विधानसभा के फ्लोर टेस्ट में उनकी सरकार गिर गई तो भी वह कह सकेंगे कि अपने पिता स्वर्गीय बाला साहब ठाकरे की इच्छानुसार उन्होंने उक्त दोनों शहरों का नामकरण कर दिया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.