Aryan Khan Drugs Case: आर्यन खान ड्रग्स मामले में एनसीबी ने चार्जशीट दाखिल करने के लिए 90 दिन का अतिरिक्त समय मांगा
Aryan Khan Drugs Case आर्यन खान ड्रग्स मामले में एनसीबी की एसआइटी ने मामले में चार्जशीट दाखिल करने के लिए मुंबई सत्र न्यायालय से 90 दिन का अतिरिक्त समय मांगा। एसआइटी को दो अप्रैल तक चार्जशीट दाखिल करनी थी।
मुंबई, एएनआइ। आर्यन खान ड्रग्स आन क्रूज मामले में सोमवार को एनसीबी की एसआइटी ने मामले में चार्जशीट दाखिल करने के लिए मुंबई सत्र न्यायालय से 90 दिन का अतिरिक्त समय मांगा। एसआइटी को दो अप्रैल तक चार्जशीट दाखिल करनी थी। गौरतलब है कि बालीवुड अभिनेता शाह रुख खान के पुत्र आर्यन खान 2021 में सबसे ज्यादा विवाद में रहे थे। आर्यन को एनसीबी ने ड्रग्स केस मामले में गिरफ्तार किया था। दरअसल, मुंबई से गोवा जा रहे एक क्रूज पर चल रही पार्टी में छापेमारी कर आर्यन खान सहित 11 लोगों को हिसारत में लिया था। इसके बाद उन पर कई आरोप लगते नजर आए थे। आर्यन खान को ड्रग्स केस में 25 दिन बाद बांबे हाई कोर्ट से बेल मिली थी। इस केस में आर्यन अकेले नहीं बल्कि उनके साथ अरबाज मर्चेंट, मुनमुन धमेचा का नाम भी ड्रग्स केस में शामिल रहा था। आर्यन के सपोर्ट में फैंस ही नहीं बल्कि बालीवुड के कई स्टार्स खड़े होते नजर आए थे।
बांबे हाई कोर्ट ने दिए थे ये आदेश
बालीवुड अभिनेता शाह रुख खान के बेटे आर्यन खान और दो अन्य आरोपितों को क्रूज ड्रग्स पार्टी मामले में जमानत देते हुए बांबे हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि आर्यन और दो अन्य आरोपितों के खिलाफ पहली नजर में ड्रग्स पार्टी को लेकर साजिश रचने के सुबूत नहीं हैं। जस्टिस एनडब्ल्यू सांब्रे की एकल पीठ ने 28 अक्टूबर को आर्यन खान, उनके मित्र अरबाज मर्चेट और फैशन माडल मुनमुन धमेचा को एक-एक लाख रुपये के निजी बांड पर जमानत दी थी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि आर्यन के फोन की चैटिंग में कुछ भी आपत्तिजनक सामग्री नहीं है। इसे पढ़ने के बाद ऐसा नहीं लगता कि आर्यन, मर्चेट और धमेचा ने अपराध के लिए कोई साजिश रची होगी। अदालत ने यह भी कहा कि एनसीबी द्वारा एनडीपीएस अधिनियम की धारा 67 के तहत रिकार्ड किए गए आर्यन के बयान को सिर्फ जांच के उद्देश्य से देखा जा सकता है। इससे यह अनुमान नहीं लगाया जा सकता कि आरोपित ने एनडीपीएस अधिनियम के तहत कोई अपराध किया है। एनसीबी की दलीलों को खारिज करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि रिकार्ड पर मुश्किल से ऐसा कोई साक्ष्य उपलब्ध है, जिससे अदालत यह मान ले कि सभी आरोपित गैरकानूनी गतिविधि को अंजाम देने पर सहमत हो गए। एनसीबी ने अपनी दलील में कहा था कि सभी आरोपितों को एक साथ समझा जाना चाहिए।