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Maharashtra: किसानों की मांगों को लेकर रालेगण सिद्धि में अन्ना हजारे करेंगे प्रदर्शन

Maharashtra अन्ना हजारे का कहना है कि वह 30 जनवरी से महाराष्ट्र के अहमदनगर में रालेगण सिद्धि में किसानों से संबंधित विभिन्न मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे। उन्होंने समर्थकों से अपने-अपने स्थानों पर विरोध करने का आग्रह किया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 28 Jan 2021 05:28 PM (IST)Updated: Thu, 28 Jan 2021 05:28 PM (IST)
किसानों की मांगों को लेकर अन्ना हजारे रालेगण सिद्धि में करेंगे प्रदर्शन। फाइल फोटो

मुंबई, एएनआइ। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने वीरवार को कहा है कि वह 30 जनवरी से महाराष्ट्र के अहमदनगर में रालेगण सिद्धि में किसानों से संबंधित विभिन्न मांगों को लेकर विरोध-प्रदर्शन शुरू करेंगे। उन्होंने समर्थकों से अपने-अपने स्थानों पर विरोध करने का आग्रह किया है। गौरतलब है कि अन्ना हजारे इससे पहले भी कई बार किसानों के हक में प्रदर्शन करने का एलान कर चुके हैं। अन्ना हजारे ने इससे पहले केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर विभिन्न किसान संगठनों के जारी आंदोलन के बीच पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी थी। अन्ना हजारे ने अपने खत में किसी तारीख का जिक्र नहीं किया था, लेकिन उन्होंने कहा कि जनवरी महीने के अंत में वो किसानों के मुद्दे पर अपनी आखिरी भूख हड़ताल करेंगे। पिछले साल 14 दिसंबर को उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर आगाह किया था कि कृषि पर एम एस स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशें समेत उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वो भूख हड़ताल करेंगे।

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उन्होंने कृषि लागत और मूल्य के लिए आयोग को स्वायत्ता प्रदान करने की भी मांग की है। अन्ना हजारे ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर उन्होंने केंद्र के साथ पांच बार पत्र व्यवहार किया है. लेकिन कोई जवाब नहीं आया है। हजारे ने पीएम मोदी को लिखा कि इस वजह से मैंने अपने जीवन की अंतिम भूख हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली रामलीला मैदान में अपनी भूख हड़ताल के संबंध में प्राधिकारों से अनुमति के लिए चार बार पत्र लिख, लेकिन एक का भी जवाब नहीं आया है। साल 2011 में भ्रष्टाचार रोधी मुहिम के अग्रणी चेहरा रहे अन्ना हजारे ने याद दिलाया कि उन्होंने जब रामलीला मैदान में भूख हड़ताल शुरू की थी तो तत्कालीन संप्रग सरकार को संसद का विशेष सत्र आहूत करना पड़ा था। उन्होंने कहा कि उस सत्र में आप और आपके वरिष्ठ मंत्री ने मेरी प्रशंसा की थी, लेकिन अब मांगों पर लिखित आश्वासन देने के बावजूद आप उन्हें पूरा नहीं कर रहे हैं।


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