Amit Shah In Maharashtra: अमित शाह बोले, सीएम पद के लिए शिवसेना से नहीं किया था वादा
Amit Shah In Maharashtra केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव के समय हमने तत्कालीन घटक दल शिवसेना को कभी भी मुख्यमंत्री पद देने की बात नहीं की थी। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को झूठा करार दिया।
सिंधुदुर्ग, एजेंसियां। Amit Shah In Maharashtra: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी (एमवीए) तीन पहिये के ऑटोरिक्शा वाली सरकार है, जिसके तीनों पहिये तीन अलग दिशाओं में चलते हैं और इसे आगे से कुछ और खींच रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव के समय हमने तत्कालीन घटक दल शिवसेना को कभी भी मुख्यमंत्री पद देने की बात नहीं की थी। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को झूठा करार देते हुए उन्होंने कहा, 'मैं छिपाकर कुछ नहीं करता, जो भी करता हूं खुलेआम करता हूं।' शाह ने रविवार को सिंधुदुर्ग की एक रैली में कहा कि कांग्रेस, शिवसेना और राकांपा के गठबंधन वाली सरकार सभी मोर्चो पर बेकार साबित हुई है।
उन्होंने नवंबर, 2019 से एमवीए सरकार के सत्ता में आने के बाद उस पर पहला तीखा प्रहार करते हुए कहा कि इस ऑटोरिक्शा सरकार के तीनों पहिए तीन दिशाओं में चलते हैं। सत्ता के लालच में उद्धव ठाकरे एक अपवित्र गठबंधन में शामिल होकर सीएम बन गए और उन्होंने दिवंगत बाला साहेब ठाकरे के आदर्शो और सिद्धांतों को त्याग दिया है। उन्होंने भाजपा और शिवसेना के पक्ष में मिले पवित्र जनमत का अपमान किया है। अमित शाह ने कहा, 'मैं बंद कमरे में वादे नहीं करता हूं। मैं बंद कमरों की राजनीति नहीं करता।' उन्होंने सीएम उद्धव ठाकरे के दावों को गलत साबित करते हुए पूछा कि अगर उनकी पार्टी ने शिवसेना से मुख्यमंत्री पद साझा करने का वादा किया था तो चुनाव के दौरान उन्होंने मोदी जी और तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के पोस्टरों और मंच पर किए गए एलान का तब विरोध क्यों नहीं किया था?
उन्होंने कहा कि एमवीए गठबंधन सत्ता की लालच का नतीजा है। उन्होंने कहा कि हम सफेद झूठ नहीं बोलते। हम अपने वादों को पूरा करते हैं। इसीलिए बिहार में हमने कहा था कि अगर भाजपा को अधिक सीटें भी मिलती हैं, तो भी नीतीश कुमार ही सीएम रहेंगे। महाराष्ट्र में रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सिंधुदुर्ग में एसएसपीएम मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि जब मुगल और औरंगजेब का शासन था कहीं पर भी प्रकाश के चिन्ह नहीं दिखते थे। उस वक्त शिवाजी महाराज ने स्वराज की बात कर देश के अंदर चेतना जागरूक करने का काम किया।