मुंबई, मिड डे। सरकार द्वारा रविवार को वर्ष 2020-21 के लिए जारी अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण (AISHE) के आंकड़ों के अनुसार, देश में राष्ट्रीय विश्वविद्यालय छह वर्ष में दोगुने हो गए हैं और उच्च शिक्षा में महिलाओं की भागीदारी दो करोड़ से ऊपर हो गई है। हालांकि महाराष्ट्र में राष्ट्रीय महत्व के विश्वविद्यालयों की संख्या एक कम हो गई है और इससे भी चिंताजनक यह है कि उच्च शिक्षा में महिला भागीदारी घट गई है। राष्ट्रीय महत्व के संस्थान 2014-15 में 75 से लगभग दोगुना होकर 2020-21 में 149 हो गए हैं।
महाराष्ट्र में उच्च शिक्षा में घटी महिला भागीदारी
2020-2021 में पिछले वर्ष के मुकाबले उच्च शिक्षा में कुल नामांकन 3.85 करोड़ से बढ़कर लगभग 4.14 करोड़ हो गए हैं। हालांकि, सर्वेक्षण के अनुसार, महाराष्ट्र में पिछले वर्ष की तुलना में 2020-21 में महिला नामांकन की संख्या में 23,927 की गिरावट आई है। उच्च शिक्षा में कुल नामांकनों में हालांकि महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर है लेकिन राज्य में महिला नामांकनों की संख्या 14,47,816 से घटकर 14,23,889 रह गई है।
इसी तरह 2020-21 तक महाराष्ट्र में एक केंद्रीय एवं 23 राज्य सरकारी विश्वविद्यालयों और सात राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों सहित कुल 71 विश्वविद्यालय हैं। पिछले वर्ष विश्वविद्यालयों की कुल संख्या 65 थी। राज्य में निजी विश्वविद्यालयों की संख्या 11 से बढ़कर 18 हो गई है। हालांकि राष्ट्रीय महत्व के विश्वविद्यालयों की संख्या 8 से गिरकर 7 रह गई है।
छात्र नामांकनों में उत्तर प्रदेश-महाराष्ट्र अव्वल
एआईएसएचई के अनुसार छात्र नामांकनों के मामले में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और राजस्थान देश में शीर्ष छह राज्य हैं। वहीं कॉलेजों की संख्या के मामले में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, गुजरात, तेलंगाना और केरल शीर्ष 10 राज्य हैं। उत्तर प्रदेश में प्रति लाख की आबादी पर 32 कॉलेज हैं। महाराष्ट्र में प्रति लाख की आबादी पर 34 और कर्नाटक में 62 कॉलेज हैं। देश में सर्वाधिक बहु-तकनीकी संस्थान महाराष्ट्र में हैं। राज्य में ऐसे 734 संस्थान हैं। अगर विदेशी छात्रों के नामांकन की बात की जाए तो देश में सर्वाधिक विदेशी छात्र नेपाल से आते हैं।
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