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Maharashtra: कोरोना के मरीजों से अधिक बिल वसूली पर प्रशासन और आइएमए आमने-सामने

Coronavirus महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच इन दिनों मरीजों से अधिक बिल वसूला जाना इंडियन मेडिकल एसोसिएशन व प्रशासन में टकराव का कारण बन रहा है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 19 Jul 2020 10:16 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jul 2020 10:16 PM (IST)
Maharashtra: कोरोना के मरीजों से अधिक बिल वसूली पर प्रशासन और आइएमए आमने-सामने
Maharashtra: कोरोना के मरीजों से अधिक बिल वसूली पर प्रशासन और आइएमए आमने-सामने

ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। Coronavirus: निजी अस्पतालों में कोरोना के मरीजों से अधिक बिल वसूला जाना इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) एवं प्रशासन में टकराव का कारण बन रहा है। इस टकराव की शुरुआत मुंबई के पड़ोसी जनपद ठाणे से होती दिखाई दे रही है। सरकार में शामिल राकांपा के अध्यक्ष शरद पवार ने भी निजी अस्पतालों के बिल की जांच सरकारी ऑडिटर से कराने की बात कही है। ठाणे महानगरपालिका (टीएमसी) ने एक आदेश में कहा है कि निजी अस्पताल मेडीक्लेम का लाभ पाने के लिए कोरोना मरीजों को देर से डिस्चार्ज कर रहे हैं। टीएमसी ने निजी अस्पतालों को उनके कुल मरीजों में कम से कम 25 फीसद को रोज डिस्चार्ज करने के निर्देश दिए हैं। ऐसा न करने पर उनपर महामारी अधिनियम 1897 एवं आपदा प्रबंधन कानून 2005 के तहत कार्रवाई करने की बात कही है।

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टीएमसी का यह निर्देश आइएमए को रास नहीं आ रहा है। आइएमए के महाराष्ट्र अध्यक्ष डॉ.अविनाश भोंडवे एवं महासचिव डॉ.पंकज बांदरकर ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर टीएमसी के इस निर्देश पर कई सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने पूछा है कि क्या किसी मरीज की स्थिति का आकलन किए बगैर 25 फीसद मरीजों को रोज डिस्चार्ज किया जा सकता है। क्या वह प्रशासन की मर्जी से ठीक हो सकता है। यदि 25 फीसद मरीजों को डिस्चार्ज करने के बाद उनकी तकलीफ बढ़ी, तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। आइएमए ने सवाल किया है कि ऐसे मामलों में यदि मरीज को कुछ हुआ, तो क्या इसकी जिम्मेदारी सरकार लेने को तैयार है।

मरीजों को अधिक दिन अस्पताल में रोके जाने के आरोप को खारिज करते हुए आइएमए ने पूछा कि क्या टीएमसी के पास ऐसा कोई आधिकारिक आंकड़ा है या वह सिर्फ इक्का-दुक्का मामलों के आधार पर ही यह आदेश दे रही है। आइएमए ने यह कानून लागू करने से पहले महाराष्ट्र सरकार द्वारा बनाई गई टास्क फोर्स में शामिल डॉ.संजय ओक एवं डॉ.शशांक जोशी से सलाह लेने का सुझाव दिया है।

बता दें कि महाराष्ट्र में मुंबई के बाद कोरोना मरीजों की संख्या ठाणे में सबसे तेज बढ़ रही है। आंकड़ों के अनुसार, चार से 17 जुलाई के बीच ठाणे में कोरोना मामलों की संख्या 45,833 से बढ़कर 71,345 हो गई है। इसी दौरान ठाणे के निजी अस्पतालों में मरीजों से अधिक बिल वसूली का मामला भी सामने आया। यह जानकारी ठाणे मनपा प्रशासन द्वारा बिलों की जांच में मिली। मनपा की पड़ताल में सामने आया है कि 196 मामलों में अस्पतालों ने मरीजों से 27 लाख रुपये अधिक वसूले। इस जानकारी के बाद ही ठाणे मनपा प्रशासन ने 25 फीसद मरीज रोज डिस्चार्ज करने का आदेश जारी कर दिया। अब यह आदेश आइएमए को तर्कसंगत नहीं लग रहा है।

ऊंची कीमत पर रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने के आरोप में सात गिरफ्तार

मुंबई, प्रेट्र : कोरोना के इलाज में प्रभावी माने जाने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन को ऊंची कीमत पर बेचने के आरोप में मुंबई में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस अधिकारियों ने रविवार को बताया कि आरोपित इंजेक्शन की एक शीशी को 30 हजार रुपये से अधिक में बेच रहे थे जबकि इसका अधिकतम मूल्य 5400 रुपये है। इन सातों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। बता दें कि क्राइम ब्रांच ने खाद्य एवं औषधि प्रशासन के साथ मिलकर छापेमारी में शनिवार को रेमडेसिविर इंजेक्शन का बड़ा स्टाक भी बरामद किया था।


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