Cyber crime: 12वीं पास ने स्क्रैप डीलर के खाते में लगायी सेंध, 17 वॉलेट में ट्रांसफर किये 5.75 लाख रुपये
Cyber crime मुंबई की विनोबाभावे नगर में एक 22 वर्षीय 12वीं पास आरोपी ने स्क्रैप डीलर के खाते से 23 ट्रांजिक्शन कर 574996 रुपये निकाल लिये।
मुंबई, मिड डे। मुंबई की विनोबाभावे नगर पुलिस ने तीन घंटे के अंदर एक स्क्रैप डीलर (कबाड़ी) से 5.75 लाख रुपये छीनने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपी 22 वर्षीय 12वीं पास, एक पुलिस वाले का बेटा है जिसने डार्क नेट के माध्यम से हैकिंग के बारे में जानकारी हासिल की थी। पुलिस ने तीनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
कुर्ला (डब्ल्यू) में कबाड़ का काम करने वाले अफजल जमाल खान (26) ने 10 दिसंबर की सुबह उठकर पाया कि उसके डीसीबी बैंक के खाते से 23 ट्रांजिक्शन कर 5,74,996 रुपये निकाले गये हैं। अफजल के पैरों तले जमीन खिसक गयी और वो इस मामले की जानकारी के लिए तुरंत बैंक गया और विनोबाभावे नगर पुलिस स्टेशन पहुंच पुलिस को भी इसकी जानकारी दी।
अफजल ने बताया कि इस ट्रांजिक्शन के दौरान उन्हें बैंक से किसी प्रकार की जानकारी नहीं मिली और न ही कोई ओटीपी नंबर साझा किया गया। सारी बात सुनकर पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर लिया।
पुलिस ने मामले की जांच के लिए वरिष्ठ निरीक्षक राजेश पवार ने निरीक्षक मारुति राड, सब इंस्पेक्टर सुभाष राठौड़, कांस्टेबल आनंद पवार और अजय बोटे के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया। पुलिस ने बताया कि बैंक खाते से चारअलग-अलग पेटीएम खातों में पैसा ट्रांसफर किया गया था। इसके बाद पेटीएम अधिकार ने वॉलेट का ब्योरा साझा किया जिससे ये जानकारी भी मिली कि खाताधारक खारघर और नवी मुंबई के हैं। इस मामले में दिलचस्प बात ये है कि चार खातों में पैसा जमा होने के बाद, 13 और वॉलेट्स में भी पैसा जमा किया गया। जांच अधिकारी सभी 17 खातों के विवरण के साथ खारघर पहुंचे और पते के अनुसार वह वहां एक व्यक्ति को पकडऩे में कामयाब रहे।
पूछताछ के दौरान उसने बताया कि इमरान महबूब शेख (22), सागर जाधव (25) और निखिल पानमंड (24) ने उन्हें फोन किया था और अपने पेटीएम खाते में जमा नकद राशि वापस करने को कहा था। जब उन्होंने उनसे पूछा कि वे अपने खाते में पैसा क्यों जमा कर रहे हैं, तो उन्हें जवाब मिला कि, उनके पेटीएम वॉलेट को केवाईसी के कारण ट्रांजिक्शन को रोक दिया गया है।
इसके बाद पुलिस ने खारघर के सेक्टर 19 से इमरान शेख को, सागर और निखिल को सेक्टर 12 के एक फ्लैट से ट्रैक किया। पुलिस ने उनके पास 40,000 रुपए नकद, एक लैपटॉप और 2 राउटर भी जब्त किये। बाकी बचा पैसा इन तीनों ने शराब पीने और नशीली दवाओं को खरीदने में खर्च कर दिया था।
इस मामले का मास्टर माइंड सोलापुर के हेड कांस्टेबल का बेटा इमरान नौकरी तलाशने के बहाने खारघर में रह रहा था। इमरान ने 12वीं कक्षा उत्तीर्ण की है और उसे इंटरनेट की अच्छी जानकारी है उसने डार्क नेट के जरिए ईमेल और फोन हैक करने ट्रिक्स सीखी है।
गौरतलब है कि दिसंबर 2019 की शुरुआत से इमरान पैसे निकालने की योजना बना रहा था और 9 दिसंबर को सागर और निखिल ने 15 पेटीएम वॉलेट तैयार करने को कहा। बदले में उसने उन पर पैसे खर्च करने का आश्वासन दिया, उनके कुछ बिलों का भुगतान भी किया। जांच के बाद भी यह समझ में नहीं आ रहा है किवे ई मेल हैक करने में कैसे कामयाब रहा, क्योंकि शिकायतकर्ता को ऐसा कोई मेल भी नहीं मिला जिससे ये जानकारी मिल सके कि उसका ईमेल हैक किया गया है।
इस मामले में आईपीसी की धारा 419 (व्यक्ति द्वारा धोखाधड़ी), 420 (धोखाधड़ी), 34 (सामान्य इरादे) और आईटी अधिनियम 2000 के संबंधित धाराओं के तहत तीनों को गिरफ्तार किया। इस मामले में जांच अभी जारी है।
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