मुख्यमंत्री के मुंह में ठूंसनी चाहिए रोटी: उद्धव ठाकरे
मुंबई। रोजेदार केटरिंग सुपरवाइजर अरशद जुबैर के मुंह में जबरन रोटी ठूंसने की घटना के बाद भी शिवसेना अपने रुख पर कायम है। उसकी दलील है कि सांसद महाराष्ट्र सदन में बदइंतजामी के खिलाफ विरोध कर रहे थे। लेकिन पूरे मामले को राजनीतिक और सांप्रदायिक रंग दिया गया।
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने पार्टी मुखपत्र 'सामना' में लिखा कि सांसदों को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण के मुंह में रोटी ठूंसनी चाहिए थी। उद्धव ने महाराष्ट्र सदन के रेजिडेंट कमिश्नर बिपिन मलिक को बर्खास्त करने की भी मांग की है। उल्लेखनीय है कि शिवसेना के 11 सांसद महाराष्ट्र सदन में खाने की खराब व्यवस्था का 17 जुलाई को विरोध कर रहे थे।
इस दौरान ठाणे से सांसद राजन विचारे ने अरशद के मुंह में जबरन रोटी ठूंस दी। और कहा कि चखकर देखे खाना कितना खराब है। जबकि अरशद कहता रहा कि वह रोजे पर है। इस घटना को लेकर विपक्षी दलों ने गुरुवार को भी राज्यसभा में सरकार को घेरा। कांग्रेस, सपा और वाम दलों के विरोध के बाद संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने कहा, 'हम तथ्यों पर गौर कर रहे हैं।
हां, हमने अपराध किया है
'सामना' के संपादकीय में उद्धव ने लिखा है, 'महाराष्ट्र सदन में पीने का पानी नहीं है। साफ-सफाई नहीं है। कैंटीन अच्छी नहीं है। मराठी माणुस का अपमान किया जा रहा है। वहां चल रही अराजकता के खिलाफ आवाज उठाना अगर अपराध है तो हां यह अपराध हमारे मदरें ने किया है। लेकिन इस मीडिया को यह नहीं दिखता कि बंगलुरु में मुस्लिम शिक्षक रोजे के दिन स्कूल में छोटी बच्ची से दुष्कर्म करता है। संसद में भी यह मुद्दा नहीं उठता। मीडिया को रोटी के मुद्दे पर शिवसैनिकों का विरोध दिखता है।'
सांसदों के खिलाफ जनहित याचिका
महाराष्ट्र सदन की घटना के विरोध में दिल्ली हाईकोर्ट में एनजीओ गरीब नवाज फाउंडेशन ने जनहित याचिका दाखिल की है। इसमें शिवसेना के 11 सांसदों को अयोग्य करार देने की मांग की गई है। याचिका पर 30 जुलाई को सुनवाई होगी।