MP: रतलाम के विकास को लग सकता है तगड़ा झटका, सितंबर में स्वीकृति नहीं मिली तो छह महीने अटक जाएगा मास्टर प्लान
MP मास्टर प्लान के लागू नहीं होने से शहर में कई प्रोजेक्ट अटक गए हैं। खासतौर पर पावर हाउस रोड स्थित सब्जी व प्याज लहसुन मंडी के स्थानांतरण ग्रीन बेल्ट से हटाने की अनुशंसा वाले क्षेत्रों में आवासायी योजनाओं को अमल में नहीं लाया जा रहा है।ग्रीन बेल्ट को लेकर शासन स्तर से जुलाई माह में जानकारी मांगी गई थी।
रतलाम, जेएनएनः शहर के सुनियोजित विकास के लिए नगर व ग्राम निवेश विभाग द्वारा वर्ष 2035 तक की संभावित आबादी के मान से बनाए गए मास्टर प्लान को लागू करने में अब छह महीने तक का समय लग सकता है। दो साल पहले मास्टर प्लान का ड्राफ्ट शासन स्तर पर स्वीकृति के लिए भोपाल भेजा जा चुका है, लेकिन आगे कोई कार्रवाई नहीं हुई।
अक्टूबर माह में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगना है, ऐसे में अगर इस माह स्वीकृति नहीं मिलती है तो फिर दिसंबर में नई सरकार के गठन के बाद प्रक्रिया शुरू होगा और फरवरी 2024 में लोकसभा की आचार संहिता लग जाएगा। इसके चलते मास्टर प्लान लागू होने के लिए मई 2024 तक इंतजार करना पड़ेगा। मास्टर प्लान के लागू नहीं होने से शहर में कई प्रोजेक्ट अटक गए हैं।
खासतौर पर पावर हाउस रोड स्थित सब्जी व प्याज, लहसुन मंडी के स्थानांतरण, ग्रीन बेल्ट से हटाने की अनुशंसा वाले क्षेत्रों में आवासायी योजनाओं को अमल में नहीं लाया जा रहा है।ग्रीन बेल्ट को लेकर शासन स्तर से जुलाई माह में जानकारी मांगी गई थी। इसमें सालाखेड़ी, बंजली, करमदी, बरबड़ सहित अन्य क्षेत्रों में अलग-अलग ग्रीन बेल्ट का एरिया, स्थान व अन्य शामिल है।
नगर व ग्राम निवेश विभाग ने यह जानकारी भोपाल भेज दी, लेकिन अभी तक प्रजेंटेशन भी नहीं हो पाया है। मालूम हो कि छह फरवरी 2021 को प्लान जारी होने के बाद सात मार्च 2021 तक 277 आपत्तियां आई थी। इसके बाद लाकडाउन के कारण आपत्तियों पर सुनवाई नहीं हो पाई।
नगर व ग्राम निवेश विभाग ने 12 जुलाई 2021 को दोबारा प्रारूप प्रकाशन कर 30 दिन की अवधि में मास्टर प्लान पर आपत्ति, सुझाव मांगे थे। इसके बाद सितंबर 2022 में आपत्तियों पर सुनवाई की प्रक्रिया पूरी कर दिसंबर 2022 में ड्राफ्ट शासन की स्वीकृति के लिए भोपाल में नगर व ग्राम निवेश विभाग के मुख्यालय भेजा गया था। इसके बाद से प्लान लागू होने का इंतजार किया जा रहा है।
शहर में आवासीय क्षेत्र बढ़ायामास्टर प्लान 2035 में नगरीय व ग्रामीण दोनों क्षेत्र में वृद्धि की गई है। वर्ष 2021 में कुल निवेश क्षेत्र का क्षेत्रफल 10163 हेक्टेयर था। इसमें नगरीय क्षेत्र 2425.30 व ग्रामीण क्षेत्र 7738.40 हेक्टेयर था। वर्ष 2035 में ग्रामीण क्षेत्र में कमी करते हुए 7106.49 हेक्टेयर कर दिया गया।
नगरीय क्षेत्र बढ़ाकर 3211.64 हेक्टयर व ग्रामीण क्षेत्रों की संख्या 13 रखी गई है। राष्ट्रीय राजमार्ग एक पर सड़क के दोनों ओर 200-200 मीटर की गहराई में, राष्ट्रीय राजमार्ग-एक से सैलाना निवेश क्षेत्र की ओर 250-250 मीटर, सेजावता से बंजली बायपास पर सड़क के एक ओर 150 मीटर तक, राष्ट्रीय राजमार्ग एक पर मंदसौर की ओर 250-250 मीटर के क्षेत्र में आवासीय, अर्धशासकीय, वाणिज्यिक, सार्वजनिक प्रयोजन के लिए निर्माण किए जा सकेंगे।
तालाब के पास 30 तो नालों के पास का नौ मीटर का एरिया नगर वन के लिए रखा गया है।2021 के मान से आधे काम भी नहींप्रारंभिक प्रारूप में वर्ष 2021 के मास्टर प्लान के मान से ही 2035 के भी प्रविधान किए गए। वर्ष 2021 में कुल निवेश क्षेत्र का क्षेत्रफल 10163 हेक्टेयर था।
इसमें नगरीय क्षेत्र 2425.30 व ग्रामीण क्षेत्र 7738.40 हेक्टेयर थी, जिसे वर्ष 2035 में भी समान रखा गया है। ग्रामीण क्षेत्रों की संख्या 13 ही रखी गई है। वर्ष 2035 के मान से 5 लाख की जनसंख्या का अनुमान रखा गया है। 2021 के मास्टर प्लान में प्रस्तावित क्षेत्र 2200 हेक्टेयर रखा गया था, जो अभी 1203.63 है।
2035 के लिए 2960.20 हेक्टेयर का क्षेत्र प्रस्तावित किया गया है।वर्जनमास्टर प्लान 2035 के लिए स्थानीय स्तर पर अब कुछ भी बाकी नहीं है। मुख्यालय से ही स्वीकृति के लिए अंतिम निर्णय होगा।-एमएल वर्मा, सहायक संचालक, नगर व ग्राम निवेश विभाग,