अर्थशास्त्री और शिक्षाविद् प्रोफेसर डॉ. जयंतीलाल भंडारी को मध्यप्रदेश में वैश्वीकरण के नए दौर में नई पीढ़ी के लिए करियर शिक्षा, रोजगार शिक्षा, करियर मार्गदर्शन और कौशल विकास प्रशिक्षण के परिप्रेक्ष्य में शैक्षणिक सुधार करने वाले बुनियादी व्यक्तित्व के रूप में जाना जाता है। डॉ. भंडारी मध्यप्रदेश में 40 वर्षों से नई पीढ़ी के लिए आयोजित कौशल विकास प्रशिक्षण और करियर मार्गदर्शन शिविरों में निशुल्क करियर शिक्षा, कौशल विकास प्रशिक्षण और स्वरोजगार मार्गदर्शन देकर युवाओं की जिंदगी संवारने में असाधारण भूमिका निभा रहे हैं।

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उन्होंने मध्य प्रदेश के स्कूल-कॉलेज, ग्रामीण, आदिवासी और पिछड़े क्षेत्रों, दृष्टिहीन और दिव्यांग छात्रों की संस्थाओं और मलिन बस्तियों में आयोजित 1000 से अधिक करियर मार्गदर्शन, कौशल विकास प्रशिक्षण और स्वरोजगार मार्गदर्शन शिविरों में एक लाख से अधिक युवाओं को निशुल्क व्यक्तिगत मार्गदर्शन देकर करियर निर्माण का बेमिसाल काम किया है।

मप्र में करियर शिक्षा, कौशल विकास एवं करियर मार्गदर्शन के लिए डॉ. भंडारी के द्वारा किए जा रहे समर्पित प्रयासों को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश शासन ने विद्यार्थियों के लिए स्वामी विवेकानंद करियर मार्गदर्शन योजना को वर्ष 2006 से लागू किया था। वे इस योजना के पहले निदेशक रहे हैं। इसमें उनकी मदद से हर शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल और शासकीय कॉलेज के दो-दो शिक्षकों को चुनकर करीब 4 हजार शिक्षकों को करियर काउंसलर के रूप में प्रशिक्षित किया जा चुका है।

 

ये सभी अपने स्कूल-कॉलेजों में नियमित रूप से विद्यार्थियों को कौशल प्रशिक्षण एवं करियर मार्गदर्शन प्रदान कर रहे हैं। डॉ. भंडारी द्वारा तैयार की गई करियर मार्गदर्शन एवं करियर शिक्षा सामग्री को मध्य प्रदेश के सभी शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूलों एवं कॉलेजों की लाइब्रेरी को भेजा गया। इस मार्गदर्शन योजना से प्रतिवर्ष लाखों विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं।

डॉ. भंडारी ने नई पीढ़ी के कौशल विकास एवं करियर शिक्षा के लिए अधिकतम समर्पित योगदान देने के लिए वर्ष 2008 में उच्च शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन के तहत प्राध्यापक के पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली। इसके बाद से वे करियर शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगारोन्मुखी शिक्षा से संबंधित पुस्तकें लिखने का कार्य कर रहे हैं।

डॉ. भंडारी ने करियर शिक्षा, एप्टीट्यूड, कौशल विकास और प्रतियोगिता परीक्षाओं से संबंधित 50 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं। इनके मार्गदर्शन में निशुल्क करियर ऐप भी तैयार किए गए हैं। देश के प्रतिष्ठित समाचार पत्र-पत्रिकाओं के नियमित स्तंभों के माध्यम से करियर शिक्षा, स्वरोजगार और कौशल विकास संबंधी प्रश्नों के सर्वाधिक उत्तर देने का राष्ट्रीय रिकॉर्ड स्थापित किए जाने पर डॉ. भंडारी का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड- 2011 और गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड 2016 और 2018 में प्रतिष्ठित किया गया है।

डॉ. भंडारी एक प्राध्यापक के रूप में उच्च शिक्षा एवं शोधकार्य में भी अतिविशिष्ट योगदान देते रहे हैं। इनके मार्गदर्शन में 12 छात्रों ने पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है। डॉ. भंडारी को वर्ष 1996 में शिक्षा के क्षेत्र की सर्वोच्च उपाधि डीलिट प्रदान की गई। डॉ. भंडारी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की करियर अवॉर्ड स्कीम के तहत मलेशिया में शोध अध्ययन के लिए आमंत्रित किए गए। वहां वर्ष 1995 में उन्हें यूनिवर्सिटी ऑफ मलाया (मलेशिया) द्वारा विजिटिंग फेलोशिप दी गई। उन्होंने मलेशिया में किए गए शोधकार्य के निष्कर्षों के तहत मध्यप्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों के औद्योगिकीकरण की नई व्यूहरचना प्रस्तुत की।

वे करियर शिक्षा कौशल विकास एवं रोजगार से संबंधित विषयों पर नियमित और उपयोगी लेखन भी कर रहे हैं। 40 वर्षों में उनके करियर एवं आर्थिक विषयों पर 3700 से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं। ऐसे आलेखों एवं स्तंभों के माध्यम से डॉ. भंडारी द्वारा समाज को वैश्वीकरण के नए परिवेश से परिचित कराने और विकास की दौड़ में अपना योगदान देने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

डॉ. भंडारी को प्रादेशिक, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई असाधारण पुरस्कार एवं सम्मान प्राप्त हुए हैं। इनमें विवेकानंद सम्मान, गुणीजन सम्मान सहित उच्च शोध कार्य के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के करियर अवॉर्ड 1994 सहित कई प्रतिष्ठित सम्मान एवं पुरस्कारों से नवाजा गया है।

 

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By Nandlal Sharma