इंदौर: बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर ने दी शहर को नई पहचान
2019 में इसका काम शुरू होने की संभावना है। इससे इंदौर की कनेक्टिविटी बैतूल होते हुए नागपुर और आगे कोलकाता तक अच्छी हो जाएगी।
बीते कुछ साल में इंदौर की कनेक्टिविटी हर मामले में बेहतर हुई है। कई प्रोजेक्ट पूरे होने को हैं तो कई अन्य के काम शुरू होने की प्रक्रिया में हैं। इंदौर एक कॉस्मोपॉलिटन शहर है। यहां के माहौल और बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर ने शहर को नई पहचान दी है और वह निवेशकों का ध्यान खींचने में काफी हद तक सफल रहा है।
नेशनल हाइवे की बात करें तो इंदौर-अहमदाबाद रोड का ज्यादातर हिस्सा पूरा होने वाला है, जिससे गुजरात का सफर काफी आसान होगा। इंदौर-उज्जैन रोड पहले ही फोर लेन है। उज्जैन-आगर-झालावाड़ रोड को फोर लेन में बदलने की डीटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) आगे भी फोर लेन होगा, जिससे राजस्थान की कनेक्टिविटी और बेहतर होगी। यही रोड इंदौर-इच्छापुर से जुड़ेगा यानी राजस्थान से मध्यप्रदेश होते हुए महाराष्ट्र तक आने वाले दो-तीन साल में फोर लेन रोड होगी।
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इंदौर-इच्छापुर फोर लेन रोड के लिए जमीन अधिग्रहण शुरू हो गया है। यह काम पांच हिस्सों में होना है। पहले चरण में धनगांव से बोरगांव तक का काम हाथ में लिया गया है। जैसे-जैसे अन्य हिस्सों की जमीनें मिलेंगी, वैसे-वैसे वहां भी रोड चौड़ीकरण और नए बायपास बनाने का काम शुरू हो जाएगा। नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने इंदौर-बैतूल रोड को फोर लेन में बदलने की तैयारी भी शुरू कर दी है। फिलहाल डीपीआर बनाई जा रही है।
2019 में इसका काम शुरू होने की संभावना है। इससे इंदौर की कनेक्टिविटी बैतूल होते हुए नागपुर और आगे कोलकाता तक अच्छी हो जाएगी। इंदौर के सबसे पुराने नेशनल हाइवे की बात करें तो देवास-ग्वालियर फोर लेन चार टुकड़ों में बनाया जा रहा है। देवास से ब्यावरा तक नया रोड एक से डेढ़ साल में बनेगा। ब्यावरा से गुना और गुना से शिवपुरी तक फोर लेन रोड करीब-करीब पूरा होने को है। शिवपुरी से ग्वालियर के बीच फोरलेनिंग का काम अगले छह-सात महीनों में पूरा हो जाएगा।
इस तरह इंदौर से आगरा का सफर बेहद आरामदायक और सुरक्षित होगा। इंदौर-खलघाट रोड को फोर से सिक्स लेन में बदलने के लिए डीपीआर बनाने का काम शुरू हो चुका है। इंदौर बायपास के राऊ जंक्शन और एमआर-10 जंक्शन पर फ्लाईओवर और अंडरपास बनाने के लिए टेंडर प्रक्रिया हो रही है। बायपास पर राऊ से मांगलिया के बीच दोनों तरफ पूरी लंबाई में सर्विस रोड बनने से थ्रू और लोकल ट्रैफिक सेपरेट हो सकेगा। इससे जहां दुर्घटनाओं में कमी आएगी
वहीं सीधे जाने वाले वाहनों को आंतरिक वाहनों से नहीं जूझना पड़ेगा। जल्द ही बायपास के बसाहट वाले 10 किमी हिस्से (दोनों तरफ) में स्ट्रीट लाइट लग जाएगी जिससे रात में टाउनशिप, होटलों और कॉलोनियों में आने वाले लोगों को राहत मिलेगी। यह बात सही है कि इंदौर बायपास अब शहर में आ गया है क्योंकि इसके दोनों तरफ सघन बसाहट हो गई है। होटल, स्कूल, कॉलेज भी बन चुके हैं।
अब शहर की महत्वपूर्ण जरूरत नए बायपास की रिंग की है। यह नई रिंग राऊ के पिगडंबर जंक्शन से शुरू होकर मांगलिया और मांगलिया से फिर राऊ के पिगडंबर जंक्शन तक बनना चाहिए। इससे इंदौर से जुड़ने वाले सभी नेशनल हाईवे आपस में कनेक्ट हो जाएंगे और ट्रैफिक शहर में नहीं आएगा। जनप्रतिनिधियों को चुनावी साल में इस ओर ठोस पहल करना चाहिए।