Kuno National Park: कूनो में शावकों को रास नहीं आ रहा गर्मी का मौसम, बाड़े में शेड बनाने की योजना तैयार
कूनो नेशनल पार्क में शावकों को बचाने के लिए विशेष इंतजाम किए जाएंगे। शावको को ठंडा मौसम भा रहा है लेकिन गर्मी में स्थिति काफी विपरीत है। ऐसे में कूनो प्रबंधन शावकों को बचाने के लिए विशेष योजना तैयार कर रहा है। कूनो डीएफओ थिरूकुराल आर ने कहा कि जनवरी से लेकर मार्च तक जन्मे 13 शावकों को गर्मी से बचाने के लिए प्रबंधन बाड़ों में चार शेड तैयार करेगा।
जेएनएन, श्योपुर। मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में शावकों का कुनबा बढ़ता जा रहा है। अफ्रीका से लाई गई मादा चीता गामिनी ने पांच शावकों को जन्म दिया है, जो एकदम स्वस्थ हैं, लेकिन कूनो प्रबंधन के सामने शावकों को गर्मियों से बचाने की चुनौती रहेगी। पिछली बार गर्मी के मौसम में ज्वाला के चार में से तीन शावकों की मौत हो गई थी और एक शावक बमुश्किल बच पाया। हालांकि, ठंड के मौसम में जन्मे सभी शावक जीवित हैं। ऐसे में कूनो प्रबंधन शावकों को बचाने के लिए विशेष योजना तैयार कर रहा है।
बाड़े में बनाए जाएंगे शेड
कूनो प्रबंधन शावकों को बचाने के लिए बाड़े में शेड बनाने की योजना बना रहा है। ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों को भारत में गर्मी और बरसात से ज्यादा ठंड का मौसम भा रहा है।
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27 मार्च, 2023 को ज्वाला ने चार शावकों को जन्म दिया था, जिनमें से तीन शावकों की मौत मार्च से जून तक में हो गई थी, लेकिन शेष बचा एकलौता शावक बरसात और ठंड का मौसम झेल चुका है और यह दोनों मौसम शावक को रास भी आया, जबकि तीन शावकों के अलावा गर्मी के सीजन में तीन चीतों की भी मौत हो गई थी और एक चीते ने सर्दी के मौसम में दम तोड़ा था।
विशेषज्ञों के मुताबिक, चीते ठंडे तापमान में अच्छे रहते हैं। ऐसे में कूनो प्रबंधन मौसम के हिसाब से व्यवस्थाएं जुटाने पर ध्यान दे रहा है। कूनो डीएफओ थिरूकुराल आर ने कहा कि जनवरी से लेकर मार्च तक जन्मे 13 शावकों को गर्मी से बचाने के लिए प्रबंधन बाड़ों में चार शेड तैयार करेगा जिनमें शावकाें को रखा जाएगा। ताकी तेज गर्मी से चीते बच सकें।
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डीएफओ, कूनो वन मंडल श्योपुर थिरूकुराल आर ने कहा,
गर्मी के सीजन में चीते और शावकों पर विशेष निगरानी रखने के लिए योजना पर काम शुरू किया जा रहा है, ताकि चीते या शावकों को कोई भी दिक्कत न हो। आने वाले गर्मी के सीजन में शावकों को बचाने की चुनौती रहेगी। गर्मियों में चीतों के बचाव के लिए बाड़े में भी ऐसे शेड तैयार कराए जाएंगे, जिससे उस समय भी चीते तेज गर्मी से बचाव कर सकें।