Madhya Pradesh: विद्यार्थी रोपेंगे पौधा, करेंगे देखभाल; फोटो देख विक्रम विश्वविद्यालय डिग्री पर छापेगा 'ग्रीन ग्रेजुएट'
Madhya Pradesh पौधा रोपने व उसकी देखभाल करने वाले विद्यार्थियों को विक्रम विश्वविद्यालय अगले शिक्षा सत्र से ऐसी अंकसूची या डिग्री देगा जिस पर ग्रीन ग्रेजुएट भी मुद्रित होगा। इसके लिए हर विद्यार्थी को पाठ्यक्रम की अवधि के दौरान पौधा रोपकर उसकी देखरेख तो करनी ही होगी।
उज्जैन, धीरज गोमे। मध्य प्रदेश में उज्जैन का विक्रम विश्वविद्यालय पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक नया कदम उठाने जा रहा है। वह पौधा रोपने व उसकी देखभाल करने वाले विद्यार्थियों को अगले शिक्षा सत्र से ऐसी अंकसूची या डिग्री देगा जिस पर 'ग्रीन ग्रेजुएट' भी मुद्रित होगा। इसके लिए हर विद्यार्थी को पाठ्यक्रम की अवधि के दौरान पौधा रोपकर उसकी देखरेख तो करनी ही होगी, परीक्षा के बाद उस पौधे के साथ खुद का एक फोटो भी विश्वविद्यालय को उपलब्ध कराना होगा। कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय ने बताया कि इस प्रयोग से छात्र जीवन में ही वृक्षों और पर्यावरण संरक्षण का महत्व समझ आने लगेगा। विद्यार्थी को अध्यापन काल के दौरान रोपे गए पौधे का नियमित पोषण करना होगा। पौधे के साथ विद्यार्थी का फोटो भी अंकसूची या डिग्री पर 'ग्रीन ग्रेजुएट' छपवाकर दिया जाएगा।
'एक छात्र-एक पेड़' अवधारणा के तहत उज्जैन का विक्रम विश्वविद्यालय कर रहा अनूठी पहल
मध्य प्रदेश में उज्जैन का विक्रम विश्वविद्यालय यह कदम उठाने वाला मध्य प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय होगा। इसे लागू करने का प्रस्ताव जल्द ही कार्य परिषद के समक्ष रखा जाएगा। अनुमति मिलते ही इसे शिक्षा सत्र 2022-23 से लागू कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि बीते दिनों कर्नाटक के मैसूर विश्वविद्यालय में हुई भारतीय विश्वविद्यालय संघ की 96वीं वार्षिक साधारण सभा की बैठक में सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में 'ग्रीन ग्रेजुएट' परियोजना शुरू करने का प्रस्ताव पारित किया गया था। इसमें बताया गया था कि इससे हराभरा वातावरण निर्मित होगा। विद्यार्थी में पर्यावरण प्रेम बढ़ेगा और उसकी बौद्धिक ऊर्जा का विकास होगा। बता दें कि 'एक छात्र-एक पेड़' की अवधारणा के तहत कई शिक्षण संस्थान अपने परिसरों में छात्रों से पौधारोपण करवाने का अभियान चला चुके हैं। विक्रम विश्वविद्यालय में दर्ज विद्यार्थियों की संख्या 1.5 लाख से अधिक है। इसके क्षेत्राधिकार में उज्जैन संभाग के सात जिले हैं। कुल 188 कालेज और 14 शोध केंद्र संबद्ध हैं।