इंदौर में बुजुर्गों का अनूठा प्रयास, देवालय संग सेवालय के नवाचार से स्वस्थ समाज के संकल्प को मिला संबल
स्वच्छता के लिए पहचाने जाने वाले इंदौर में अब स्वस्थ समाज के संकल्प को सशक्त करने वाला नवाचार हुआ है। महत्वपूर्ण यह कि पहल शहर के वरिष्ठ नागरिकों ने अन्य बुजुर्गों की मदद के विचार से की जो अब पूरे समाज के लिए स्वास्थ्य का वरदान बन रही है।
कुलदीप भावसार, इंदौर: स्वच्छता के लिए पहचाने जाने वाले इंदौर में अब स्वस्थ समाज के संकल्प को सशक्त करने वाला नवाचार हुआ है। महत्वपूर्ण यह कि पहल शहर के वरिष्ठ नागरिकों ने अन्य बुजुर्गों की मदद के विचार से की जो अब पूरे समाज के लिए स्वास्थ्य का वरदान बन रही है। इनके द्वारा बनाए गए सेवालय को देवालय के साथ खोला गया है जिसमें हृदय रोग, नेत्र रोग और स्त्री रोग विशेषज्ञ समेत कई अन्य विशेषज्ञ चिकित्सक सेवा दे रहे हैं। आठ अप्रैल 2023 से शुरू किए गए सेवालय में अब तक 850 से ज्यादा मरीज चिकित्सकीय परामर्श का लाभ ले चुके हैं। यहां बेहद कम कीमत में जांच और दवाओं की व्यवस्था भी की गई है।
ऐसे आया विचार:
बुजुर्गों को उपचार आदि में होने वाली परेशानियों व खर्च को देखते हुए कुछ समय पहले इंदौर के कुछ वरिष्ठ नागरिकों के मन में विचार आया कि क्यों न ऐसी व्यवस्था की जाए कि अलग-अलग विधा के विशेषज्ञ डाक्टर एक ही जगह उपलब्ध हो जाएं, वह भी बहुत कम शुल्क में। बस एक-एक कर वरिष्ठ नागरिक जुटने लगे और बन गया वरिष्ठ नागरिक संगठन। इन्हीं सदस्यों ने बनाया वरिष्ठ नागरिक पारमार्थिक ट्रस्ट। इसके सारथी बने दो बार राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित आरके शर्मा और हाल ही में एक ट्रस्ट के अस्पताल से सेवानिवृत्त हुए डा.आरके गौड़। इन लोगों ने अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों से विचार साझा किया तो वे भी परमार्थ के इस काम के लिए सहर्ष तैयार हो गए। विचार से नवाचार की यह सेहतमंद यात्रा कुछ ही दिनों में पूरी हो गई।
मंदिर परिसर में चिकित्सालय:
विशेषज्ञ चिकित्सकों से सहमति मिलने के बाद अगली चुनौती थी स्थान तय करने की। शहरस के कनाडिया रोड स्थित हनुमान मंदिर परिसर में डिस्पेंसरी खोली जाए। जहां अलग-अलग स्पेशलिस्ट सेवाएं देंगे। इस डिस्पेंसरी का नाम तय हुआ सेवालय। संगठन के अध्यक्ष आरके शर्मा बताते हैं कि सेवालय में विशेषज्ञ डाक्टरों के आने का सिलसिला शुरू हुआ तो मरीज भी आने लगे। संख्या निरंतर बढ़ रही है।
रेड क्रास से जुड़ी एजेंसी का मिला साथ:
संगठन की पहली पर सेवालय में विभिन्न जांचों की व्यवस्था भी कम कीमत में की गई है। रेडक्रास सोसायटी के लिए काम करने वाली एक एजेंसी बाजार रेट से 30 प्रतिशत कीमत पर जांच को तैयार हो गई। यह काफिला और आगे बढ़ा जब शहर के कुछ मेडिकल स्टोर संचालक साथ आए और दवाइयों पर 70 प्रतिशत तक छूट देने पर सहमति जताई। अब संगठन ने डिस्पेंसरी के लिए जीवनरक्षक उपकरण भी खरीद लिए हैं।
अस्पतालों से भी मिल रहा सहयोग:
आरके शर्मा कहते हैं कि कई बार ऐसे मरीज भी आ जाते हैं जिन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत होती है। इसे देखते हुए ट्रस्ट ने दो एम्बुलेंस तैयार की हैं जो हमने सेवालय में तैनात रहती हैं। हमारे उद्देश्य को देखते हुए कुछ अस्पताल भी वरिष्ठ नागरिकों की मदद को सामने आए हैं। ये अस्पताल न्यूनतम दरों पर उपचार करने को तैयार हुए हैं। 8 अप्रैल यानी डिस्पेंसरी शुरू होने से अब तक हम हृदयघात के 7-8 मरीजों को अस्पताल में भर्ती करा चुके हैं।
साढ़े 9 हजार से ज्यादा हैं सदस्य:
वरिष्ठ नागरिक संगठन से वर्तमान में करीब साढ़े नौ हजार बुजुर्ग जुड़े हैं। इनमें से 700 सदस्य सक्रिय कार्यकर्ता हैं। संगठन के करीब 70 सदस्य ऐसे हैं जो अकेले रहते हैं। कुछ सक्रिय कार्यकर्ताओं को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे अकेले रहने वाले सदस्यों के नियमित संपर्क में बने रहते हैं। नियमित अंतराल से टेलीफोन पर बात करना और माह में एक-दो बार मुलाकात करते हैं ताकि वे मदद के अभाव में परेशान न हों। संगठन जरूरतमंद वरिष्ठ नागरिकों को कच्चा अनाज और दवाईयां भी उपलब्ध कराता है।