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सरकार से दुखी होकर रो पड़े दो आईएएस अधिकारी

मप्र प्रदेश के इतिहास में पहली बार दो IAS सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे। इस दौरान दोनों अफसरों ने मप्र सरकार पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। उल्लेखनीय है कि दोनों अफसर अपनी मांगों को लेकर लंबे समय से प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 12 Jan 2016 03:59 AM (IST)Updated: Tue, 12 Jan 2016 04:07 AM (IST)
सरकार से दुखी होकर रो पड़े दो आईएएस अधिकारी

भोपाल। मप्र प्रदेश के इतिहास में पहली बार दो IAS सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे। इस दौरान दोनों अफसरों ने मप्र सरकार पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। उल्लेखनीय है कि दोनों अफसर अपनी मांगों को लेकर लंबे समय से प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं।

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दलित आदिवासी फोरम की अगुवाई में निलंबित आईएएस शशि कर्णावत और बाल संरक्षण विभाग के सचिव रमेश थेटे पदस्थापना में भागीदारी की मांग को लेकर टीटी नगर स्थित अंबेडकर जयंती मैदान पर धरना पर बैठे।

इस दौरान थेटे अपनी बात करते हुए मंच पर रो पड़े। उन्होंने कहा कि, अब अगर सरकार ने उन्हें शोकॉज नोटिस भी दिया, तो वे अन्न-जल त्याग देंगे। मौत को गले लगा लेंगे।

वहीं सुश्री कर्णावत ने आरोप लगाया कि मप्र सरकार 27 महीने से उन्हें प्रताड़ित कर रही है। उन्हें वेतन नहीं दिया जा रहा।

दोनों अफसरों को प्रमोशन नहीं दिया जा रहा। दोनों पर भ्रष्टाचार के मामले दर्ज हैं। वे इन्हें वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उधर, दलित आदिवासी फोरम के संयोजक डॉ. मोहनलाल पाटिल का कहना है कि शासकीय सेवाओं में जाति के आधार पर भेदभाव हो रहा है। हमारी मांग है कि पदस्थापना में भागीदारी होना चाहिए।

धरने के दौरान ही एक आदिवासी बुजुर्ग को धरना स्थल पर हार्ट अटैक आ गया। जैसे ही ये सूचना लोगों में फैली धरना स्थल पर अफरा-तफरी मच गई। मौके पर मौजूद लोगों ने पुलिस वाहन से आदिवासी को 1250 अस्पताल में भर्ती कराया है।


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