इंदौर, जेएनएन । शहर में कोरोना रोजाना नया रिकार्ड बना रहा है। बुधवार को शहर में तीन हजार से ज्यादा नए संक्रमित मिले। 12577 सैंपलों की जांच की गई। यानी जांचा जाने वाला हर चौथा सैंपल संक्रमित मिल रहा है। शहर में कोरोना की यह अब तक की सबसे ज्यादा संक्रमण दर है। इसके पहले अधिकतम संक्रमण दर 21 प्रतिशत के आसपास थी। अगर आप किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं और आपकी उम्र 50 साल से अधिक है तो यह खबर आपकी चिंता बढ़ा सकती है।
जानकारी हो कि शहर में तीसरी लहर में कोरोना से पहली मौत 21 दिसंबर को हुई थी। 75 वर्षीय बुजुर्ग विजय नगर क्षेत्र स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती थे। उन्हें किडनी की गंभीर बीमारी थी। जांच के दौरान पता चला कि वे कोरोना संक्रमित हैं। जांच में यह बात भी सामने आई कि बुजुर्ग के 85 प्रतिशत फेफडों तक संक्रमण फैल गया था। इसी दिन 69 वर्षीय एक बुजुर्ग ने भी कोरोना की वजह से दम तोड़ दिया। ये बुजुर्ग भी मधुमेह से ग्रसित थे। डाक्टरों के मुताबिक मधुमेह की वजह से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम हो गई थी। इस वजह से बुजुर्ग कोरोना से सामना नहीं कर सके थे।
मालूम हो कि कोरोना की तीसरी लहर बुजुर्गों पर भारी पड़ रही है। कोरोना की वजह से पिछले एक महीने में शहर में सात मौतें हुईं। ये सातों लोग 50 वर्ष से अधिक उम्र के थे और सभी गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे। ज्यादातर ब्लड प्रेशर और मधुमेह से जूझ रहे थे। इस वजह से इनके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो गई थी। इसके चलते वायरस ने इन्हें अपनी चपेट में ले लिया। डाक्टर भी मानते हैं कि कोरोना से लड़ने के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना जरूरी है।
विशेष सावधानी की जरूरत
श्वसन तंत्र विशेषज्ञ डॉक्टर का कहना है कि जो लोग किसी भी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं उन्हें विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। इन बीमारियों में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में कोरोना आसानी से हमला कर देता है। अधिक उम्र के लोगों को भी कोरोना का खतरा अन्य के मुकाबले ज्यादा है।
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