MP Water Crisis: मध्यप्रदेश के इस गांव में भीषण जलसंकट, 30 फीट गहरे कुएं में उतरकर महिलाएं निकाल रहीं पीने का पानी
MP Water Crisis मप्र के इस गांव में एक कुआं बचा है जिससे बूंद-बूंद पानी रिस रहा है। कुआं 30 फीट गहरा है इसलिए महिलाएं व बच्चियां जान की बाजी लगाकर कुएं में उतरती हैं और रिसते पानी को संजोकर अपनी व घरवालों की प्यास बुझाती हैं।
डिंडौरी, जेएनएन। मध्य प्रदेश के डिंडौरी जिले की आदिवासी बहुल ग्राम पंचायत घुसिया के पोषक ग्राम ढीमरटोला इन दिनों भीषण जलसंकट से जूझ रहा है। सौ से अधिक परिवार, आठ सौ से अधिक की आबादी और पीने के पानी की त्राहि-त्राहि। यहां जल स्तर काफी नीचे चला गया है। हालत यह है कि गांव के तीन हैंडपंप हवा उगल रहे हैं, तीन कुएं पूरी तरह सूख चुके हैं। एक कुआं बचा है, जिससे बूंद-बूंद पानी रिस रहा है। कुआं 30 फीट गहरा है, इसलिए महिलाएं व बच्चियां जान की बाजी लगाकर कुएं में उतरती हैं और रिसते पानी को संजोकर अपनी व घरवालों की प्यास बुझाती हैं। गांव में दो टैंकर से जलापूर्ति होती है। ग्रामीणों का कहना है कि यहां टैंकर कभी आते हैं और कभी नहीं आते।
घंटों इंतजार करने के बाद मिलता है पानी
ग्रामीणों ने बताया कि जिस एक कुएं में थोड़ा पानी दिखता है, वह भी ढीमरटोला से लगभग एक किलोमीटर दूर है। कुएं में पानी थोड़ा-थोड़ा रिसता रहता है। कुएं में लगे पत्थर के सहारे उतरकर ग्रामीणों को कटोरी से पानी भरना पड़ता है। जब बाल्टी में पानी भर जाता है तो उसे रस्सी से ऊपर खड़े ग्रामीण खींचते हैं। इसके बाद महिलाएं सिर पर पानी से भरा बर्तन लेकर पैदल घर जाती हैं। एक परिवार को घंटों इंतजार करने के बाद बमुश्किल एक-दो बाल्टी पानी मिल पाता है।
भूजल स्तर नीचे होने समस्या
शहपुरा विधायक भूपेंद्र मरावी ने कहा कि जानकारी मिली है। इस ओर आवश्यक पहल की जाएगी। जबकि, विधायक ने विधानसभा में प्रश्न नहीं लगाया है। ग्राम पंचायत घुसिया के सरपंच भारत सिंह पट्टा ने कहा कि भूजल स्तर काफी नीचे होने से समस्या है।
नल जल योजना पर हो रहा है काम
नर्मदा नदी से गांव तक पानी लाने के लिए एक करोड़ 90 लाख की लागत से नल-जल योजना का काम तेजी से काम चल रहा है। उम्मीद है कि आगामी एक माह में लोगों को पर्याप्त पानी मिलने लगेगा। गांव में भूजल स्तर काफी नीचे होने से समस्या आ रही है।
-शिवम सिन्हा, कार्यपालन यंत्री, पीएचई, डिंडौरी।