MP News: राजस्थान की सोलर पावर ने मध्य प्रदेश का बिजली संकट किया कम
राजस्थान के चार सोलर प्लांट से 1100 मेगावाट बिजली का करार हुआ था। जिसकी बिजली मिलना शुरू हो गई है। पहले 50 मेगावाट बिजली शुरुआत में मिली जो अब 700 मेगावाट तक मिलने लगी है। इसकी वजह से दिन में बिजली की मांग का प्रबंधन किया जा रहा है।
जबलपुर, जेएनएन । मध्य प्रदेश में बिजली संकट के हालात पहले से बेहतर हुए है। राजस्थान से सोलर बिजली की वजह से प्रदेश को राहत मिल पाई है। राजस्थान से 700 मेगावाट तक सोलर बिजली दिन में मिल पा रही है। ऐसे में दिन में बढ़ती मांग के अनुरूप बिजली का प्रबंधन हो रहा है। जहां हर दिन 1200 से 2000 मेगावाट तक बिजली की कमी बन रही थी। अब मांग के अनुरूप बिजली की उपलब्धता होने का दावा किया जा रहा है। अघोषित कटौती में भी पहले से कमी हुई है हालांकि गर्मी की वजह से तकनीकी खराबी की वजह से कई जगह बिजली बंद होने की शिकायत बनी हुई है।
मालूम हो कि पन बिजली से करीब 1300 मेगावाट तक बिजली मिल जाती है। मध्य प्रदेश पावर जनरेशन कंपनी के तापगृहों में कोयले का स्टाक भी कुल इकाईयों के प्रतिदिन की खपत के अनुसार करीब साढ़े चार दिन के आसपास का है। बिजली का उत्पादन भी जेनकों द्वारा कुल इकाईयों में क्षमता से कम किया जा रहा है। बिजली कंपनी कोयले की आपूर्ति को बढ़ाने पर जोर दे रही है ताकि आने वाले दिनों में बिजली की समस्या न पैदा हो।
मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के स्टेट लोड डिस्पेेच सेंटर के प्रभारी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से प्रदेश की मांग के अनुरूप बिजली की उपलब्धता बनी हुई है। उन्होंने बताया कि राजस्थान के चार सोलर प्लांट से 1100 मेगावाट बिजली का करार हुआ था। जिसकी बिजली मिलना शुरू हो गई है। पहले 50 मेगावाट बिजली शुरुआत में मिली जो अब 700 मेगावाट तक मिलने लगी है। इसकी वजह से दिन में बिजली की मांग का प्रबंधन किया जा रहा है। जहां इसके पहले पन बिजली गृहों का उपयोग किया जाता था उन्हें अब रात के वक्त चलाकर बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित की जाती है। पन बिजली से करीब 1300 मेगावाट तक बिजली मिल जाती है।