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Madhya Pradesh: मप्र में नाबालिग से दुष्कर्म, आतंकी और जहरीली शराब के अपराधियों की सजा नहीं होगी कम

Madhya Pradesh मप्र में सामूहिक दुष्कर्म दो या दो से अधिक हत्या व विदेशी मुद्रा से जुड़े अपराधों में आजीवन कारावास की सजा पाए कैदियों को भी सजा में रियायत नहीं मिलेगी। यह प्रविधान आजीवन कारावास से दंडित कैदियों की समय पूर्व रिहाई की प्रस्तावित नीति में किए गए हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 02 Sep 2022 05:24 PM (IST)Updated: Fri, 02 Sep 2022 05:24 PM (IST)
Madhya Pradesh: मप्र में नाबालिग से दुष्कर्म, आतंकी और जहरीली शराब के अपराधियों की सजा नहीं होगी कम
मध्य प्रदेश में नाबालिग से दुष्कर्म, आतंकी और जहरीली शराब के अपराधियों की सजा नहीं होगी कम। फाइल फोटो

भोपाल, जेएनएन। Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में नाबालिग से दुष्कर्म, आतंकी गतिविधि में लिप्त और जहरीली शराब बनाने के मामले में आजीवन कारावास की सजा पाए कैदियों को अंतिम सांस तक जेल में ही रहना होगा। सामूहिक दुष्कर्म, दो या दो से अधिक हत्या और विदेशी मुद्रा से जुड़े अपराधों में आजीवन कारावास की सजा पाए कैदियों को भी सजा में कोई रियायत नहीं मिलेगी। यह प्रविधान आजीवन कारावास से दंडित कैदियों की समय पूर्व रिहाई की प्रस्तावित नीति में किए गए हैं।

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शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में प्रस्तावित नीति पर हुई चर्चा

सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) की अध्यक्षता में मंत्रालय में गुरुवार को हुई बैठक में नीति के प्रविधानों पर विचार किया गया। प्रदेश में अभी आजीवन कारावास से दंडित बंदियों की रिहाई के लिए वर्ष 2012 की नीति लागू है। सामान्य प्रशासन विभाग ने मई 2022 में अपर मुख्य सचिव गृह व जेल डा. राजेश राजौरा की अध्यक्षता में आजीवन कारावास की सजा पाए कैदियों की रिहाई की नीति पर विचार करने के लिए समिति बनाई थी। समिति ने उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश सहित अन्य राज्यों की नीति का अध्ययन करने के बाद नीति प्रस्तावित की है।

मप्र की 131 जेलों में 12 हजार से अधिक बंदी काट रहे हैं आजीवन कारावास की सजा 

प्रदेश की 131 जेलों में अभी 12 हजार से अधिक बंदी आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। जो नई नीति प्रस्तावित की गई है, उसमें आतंकी गतिविधियों और नाबालिगों से दुष्कर्म के मामले में सजा 14 वर्ष में समाप्त नहीं होगी। इस श्रेणी में शासकीय सेवकों की सेवा के दौरान हत्या करने वाले भी शामिल होंगे। राज्य के विरुद्ध अपराध और सेना के किसी भी अंग से संबंधित अपराध घटित करने वाले कैदी को कोई रियायत नहीं मिलेगी।

अब दुष्कर्म के दोषी की 25 साल के पहले नहीं होगी रिहाई

नीति में यह भी प्रविधान किया गया है कि दुष्कर्म के दोषी बंदी भी 20 वर्ष का वास्तविक कारावास और परिहार सहित 25 वर्ष पूर्ण करने से पहले जेल से रिहा नहीं हो सकेंगे।

अब साल में चार बार होगी रिहाई

प्रदेश में अभी वर्ष में दो बार (15 अगस्त और 26 जनवरी) आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदियों के रिहाई होती है। नई नीति के अनुसार रिहाई अब चार बार यानी 15 अगस्त, 26 जनवरी, 14 अप्रैल और दो अक्टूबर को होगी।


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