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Ram Nath Kovind In Ujjain: राष्ट्रपति बोले-अब आयुर्वेद में शोध और अनुसंधान का समय, हमें चुनौतियों को स्वीकार करना होगा

Ram Nath Kovind In Ujjain राष्ट्रपति ने कहा कि आयुर्वेद को लेकर 20 देशों में अनुसंधान हो रहे हैं। आयुर्वेद में स्वास्थ्य की रक्षा उपचार के साथ रोग निवारण पर भी ध्यान दिया जाता है। हम सौभाग्यशाली हैं कि हमें आयुर्वेद का ज्ञान मिला।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 29 May 2022 02:49 PM (IST)Updated: Sun, 29 May 2022 09:58 PM (IST)
Ram Nath Kovind In Ujjain: राष्ट्रपति बोले-अब आयुर्वेद में शोध और अनुसंधान का समय, हमें चुनौतियों को स्वीकार करना होगा
राष्ट्रपति बोले-आयुर्वेद में गुणवत्ता, शोध और अनुसंधान का समय, हमें चुनौतियों को स्वीकार करना होगा।

उज्जैन, जेएनएन। Ram Nath Kovind In Ujjain: राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने रविवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन की कालिदास अकादमी में आयोजित अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के 59वें महाअधिवेशन में कहा कि आयुर्वेद को लेकर 20 देशों में अनुसंधान हो रहे हैं। आयुर्वेद में स्वास्थ्य की रक्षा, उपचार के साथ रोग निवारण पर भी ध्यान दिया जाता है। हम सौभाग्यशाली हैं कि हमें आयुर्वेद का ज्ञान मिला, मगर वर्तमान समय अनुसंधान और शोध का है। प्रमाणन का है। यह समय आयुर्वेद के ज्ञान को अधिकाधिक गहराई से समझने का है। यह हम सब के लिए चुनौती है। हमें इसे स्वीकार करना होगा। अब पूरा विश्व हमारी पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को स्वीकार रहा है। भारत गांवों का देश है। गांवों में पारंपरिक चिकित्सा पद्धति आज भी आयुर्वेदिक ही है। इसका विकल्प अन्य चिकित्सा पद्धतियां नहीं बन पाई हैं।

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कहा-जनसामान्य में आयुर्वेद के प्रति जागरूकता बढ़ाई जाए
राष्ट्रपति ने महासम्मेलन में उपस्थित विशेषज्ञों को अपेक्षाएं बताते हुए कहा कि आयुर्वेद से जुड़े प्रशासनिक तंत्र को इसके संरक्षण और विस्तार के लिए नीतिगत बाधाएं दूर करनी चाहिए। जनसामान्य में आयुर्वेद के प्रति जागरूकता बढ़ाई जाए। ऐसे योग्य चिकित्सक तैयार किए जाएं, जो अधिक से अधिक लोगों को किफायती उपचार की सुविधा दे सकें। उन्होंने कहा कि आयुष मंत्रालय की स्थापना के बाद से देशभर में आयुर्वेदिक चिकित्सा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य हो रहे हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने योग और भारतीय चिकित्सा पद्धति में हमेशा विशेष रचि प्रदर्शित की है। मध्य प्रदेश में आयुर्वेदिक चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों को देखकर यह विश्वास मजबूत होता है कि यह प्रदेश आयुर्वेदिक चिकित्सा का पसंदीदा गंतव्य बनेगा। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि आयुर्वेद को अनुसंधानात्मक बनाया जाए। इसे आधुनिक वैज्ञानिक विश्लेषण के साथ समाज के सामने लाया जाए। कार्यक्रम में राष्ट्रपति की पत्नी सविता कोविन्द, मुख्यमंत्री की पत्नी साधना सिंह और महासम्मेलन के अध्यक्ष पद्मभूषण वैद्य देवेंद्र त्रिगुणा भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने वैद्य देवेंद्र त्रिगुणा को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया।

परिवार के साथ महाकाल मंदिर में की पूजा

महासम्मेलन के बाद राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द परिवार के साथ भगवान महाकाल के दर्शन करने गए। यहां गर्भगृह में पूजन- अभिषेक किया। उनके साथ राज्यपाल मंगुभाई पटेल भी थे। पूजन-अभिषेक के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और साधना सिंह भी साथ रहीं। मंदिर प्रबंध समिति की ओर से राष्ट्रपति का सम्मान किया गया।

राष्ट्रपति को पसंद है उज्जैन का नमकीन पत्नी कंकु व मेहंदी भी साथ ले गईं

राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द को उज्जैन का नमकीन काफी पसंद है, इसलिए दिल्ली लौटते वक्त पत्नी सविता कोविन्द यहां से 10 किलो नमकीन (सेव-मिक्सचर), दो कंकु (कुमकुम) के डिब्बे और एक किलोग्राम मेहंदी साथ ले गईं। ये सामग्री पूर्व सांसद स्व. हुकुमचंद कछवाय की पत्नी रामकुमारी बाई और पुत्र सुनील कछवाय ने सर्किट हाउस पर विशेष मुलाकात में भेंट की। मालूम हो कि राम नाथ कोविन्द और उनके परिवार से हुकुमचंद कछवाय परिवार का गहरा नाता है। हुकुमचंद कछवाय ने ही राम नाथ कोविन्द का विवाह कराया था।

30 मई को है विवाह की वर्षगांठ

राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द का विवाह 30 मई 1974 को हुआ था। यानी सोमवार को उनके विवाह की 48वीं वर्षगांठ है।


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