दो दर्जन लोगों की खून-पसीने की कमाई, सागर जिले के डाककर्मी ने सट्टे में लुटाई
Madhya Pradesh मध्य प्रदेश के सागर में जमाकर्ता उस समय हैरान रह गए जब डाकघर के कर्मचारियों ने उन्हें बताया कि उनके एफडी नंबर और खाता संख्या रिकार्ड में मौजूद नहीं हैं और उनके नाम पर कोई एफडी नहीं है।
सागर, प्रेट्र। मध्य प्रदेश के सागर जिले में एक सब-पोस्टमास्टर ने आइपीएल सट्टेबाजी पर कथित तौर पर जमाकर्ताओं के 1.25 करोड़ रुपये खर्च किए। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। इस महीने की शुरुआत में मामला सामने आने के बाद आरोपित विशाल अहिरवार (36) को 20 मई को गिरफ्तार किया गया था। कुछ लोगों ने अपनी सावधि जमा (एफडी) की शर्तें पूरी होने पर यहां एक रेलवे परिसर में स्थित उप डाकघर से संपर्क किया था। शासकीय रेलवे पुलिस थाना प्रभारी अजय धुर्वे ने कहा कि जमाकर्ता उस समय हैरान रह गए, जब डाकघर के कर्मचारियों ने उन्हें बताया कि उनके एफडी नंबर और खाता संख्या रिकार्ड में मौजूद नहीं हैं और उनके नाम पर कोई एफडी नहीं है।
अधिकारी ने कहा कि जब जमाकर्ता अपने निवेश के बारे में पूछताछ करने के लिए अगले कुछ दिनों के लिए बार-बार उप-डाकघर गए, तो उन्हें बताया गया कि सब-पोस्ट मास्टर ने कथित तौर पर अपना पैसा आइपीएल सट्टेबाजी रैकेट एप में डाल दिया था। इसके बाद अहिरवार को निलंबित कर दिया गया, जिसके बाद जमाकर्ताओं ने उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत की। जीआरपी अधिकारी ने बताया कि जमाकर्ताओं की शिकायत के आधार पर पुलिस ने अहिरवार को 20 मई को गिरफ्तार किया था।
आइपीएल सट्टेबाजी रैकेट एप में किया निवेश
अधिकारी ने कहा कि पूछताछ के दौरान अहिरवार ने पुलिस को बताया कि उसने जमाकर्ता के पैसे को आइपीएल सट्टेबाजी रैकेट एप में निवेश किया था, जिसने त्वरित और समृद्ध लाभांश का वादा किया था। महिला के पति ने नौ लाख रुपये डाकघर में जमा कराए थे। हालांकि, उसने अपने पति और ससुर को कोविड-19 संकट के दौरान खो दिया। उन्होंने बताया कि किशोरी बाई नाम की एक बुजुर्ग महिला ने अपनी चार बेटियों की शादी के लिए पांच लाख रुपये डाकघर में जमा कराए थे, लेकिन अब उनके पास कुछ नहीं बचा है।
अधिकारी ने कहा कि एक अन्य वरिष्ठ नागरिक परमानंद साहू, जिन्होंने अपनी सेवानिवृत्ति लाभ राशि को सबसे सुरक्षित निवेश विकल्प मानते हुए डाकघर में जमा किया था, अब पैसे की वसूली के लिए दर-दर भटक रहे हैं। धुर्वे ने कहा कि अहिरवार से पूछताछ के बाद अब तक 20 पीड़ितों के नाम सामने आए हैं, जिनसे कथित तौर पर करीब 1.25 करोड़ रुपये ठगे गए।अधिकारी ने कहा कि अहिरवार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 408 (क्लर्क या नौकर द्वारा आपराधिक विश्वासघात) के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि जब से यह घटना सामने आई है, कुछ और लोगों ने भी पुलिस से संपर्क कर उप डाकघर में अपने निवेश की जानकारी दी है।