Bhopal News: अब महिलाएं करेंगी ग्रामीण क्षेत्रों की फिश फार्म का संचालन
अब महिलाओं को भी मछली पालन के जरिए स्वरोजगार से जोड़ा जाएगा। इसके लिए जिला प्रशासन ने कवायद शुरू कर दी है। ग्रामीण क्षेत्रों के तालाबों को चिह्नित किया जा रहा है। इन चयनित तालाबों में महिला स्व सहायता समूहों को मुफ्त में बीज उपलब्ध करवाए जाएंगे।
भोपाल, जेएनएन, महिला समूहों के लिए अच्छी खबर है। अब महिलाओं को भी मछली पालन के जरिए स्वरोजगार से जोड़ा जाएगा। इसके लिए जिला प्रशासन ने कवायद शुरू कर दी है। ग्रामीण क्षेत्रों के तालाबों को चिह्नित किया जा रहा है। ब्लाक में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत 10 से 15 महिलाओं के समूह बनाए जाते हैं। इन चयनित तालाबों में महिला स्व सहायता समूहों को मुफ्त में बीज उपलब्ध करवाए जाएंगे। वहीं इसका संचालन का जिम्मा भी स्व सहायता समूहों को सौंपा जाएगा।
महिला समूहों को ब्लाक से निःशुल्क मत्स्य बीज दिए जाएंगे। चयनित तालाबों में इन बीजों को डाला जाएगा। महिलाओं के नाम पर फिश फार्म होने से आए दिन होने वाले झगड़े नहीं होंगे वहीं विवाद की स्थिति भी नहीं बनेगी। महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए यह कवायद की जा रही है।
नई पहल के तहत महिला समूहों को लाभ मिलेगा। पहले इन समूहों को चक्कर काटने के बाद बीज लेना पड़ता था। इस योजना के तहत पुराने तालाबों को भी खंगाला जाएगा। दरअसल, ग्रामीणों इलाकों में कई तालाबों को पाटकर कब्जे कर लिए गए हैं। इस कवायद में इन तालाबों से कब्जा हटवाया जाएगा। इससे तालाबों को संजीवनी मिलने के साथ ही महिलाएं भी स्वरोजगार के जरिए अपने पैरों पर खड़ी हो सकेंगी।