Move to Jagran APP

Madhya Pradesh: सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में बिकेंगी दवाइयां, नशाखोरी रोकने का लिया निर्णय

Madhya Pradesh दवाओं के जरिये नशाखोरी पर लगाम लगाने के उद्देश्य से सभी मेडिकल स्टोर पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी। विशेष रूप से उन दुकानों पर जो स्कूल-कालेजों के आसपास हैं। यह आदेश बाल संरक्षण आयोग ने दिए हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 06 Mar 2022 06:27 PM (IST)Updated: Sun, 06 Mar 2022 06:27 PM (IST)
Madhya Pradesh: सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में बिकेंगी दवाइयां, नशाखोरी रोकने का लिया निर्णय
सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में बिकेंगी दवाइयां, नशाखोरी रोकने का लिया निर्णय। फाइल फोटो

ग्वालियर, जेएनएन। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में दवाओं के जरिये नशाखोरी पर लगाम लगाने के उद्देश्य से सभी मेडिकल स्टोर पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी। विशेष रूप से उन दुकानों पर जो स्कूल-कालेजों के आसपास हैं। यह आदेश बाल संरक्षण आयोग ने दिए हैं। साथ ही, आयोग ने प्राचार्यों से भी बच्चों पर नजर रखने की अपेक्षा की है। बाल संरक्षण आयोग ने दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 133 के तहत सभी कलेक्टरों को सितंबर, 2021 में एक आदेश जारी कर कहा कि शेड्यूल-एच और शेड्यूल एक्स की दवाओं की बिक्री करने वाले मेडिकल स्टोरों पर सीसीटीवी लगाए जाएं। सुनिश्चित किया जाए कि आदेश का पालन छह माह अवधि में पूरा हो। इस संबंध में ग्वालियर में दो मार्च, 2022 को औषधि नियंत्रण विभाग और जिला प्रशासन द्वारा संयुक्त अभियान एक युद्ध नशे के विरुद्ध शुरू किया गया है। इसके तहत शहर के पंजीकृत करीब 1200 मेडिकल स्टोरों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।

loksabha election banner

स्कूल व कालेज के प्राचार्य देंगे सूचना

मेडिकल स्टोर पर यदि बिना डाक्टर के पर्चे के कोई दुकानदार दवा बेचता है तो इसकी जानकारी स्कूल व कालेज के प्राचार्य प्रशासन तक भेजेंगे। इसके साथ ही इस बात की निगरानी रखनी होगी कि स्कूल व कालेज में कोई युवा, किशोर या बालक नशाखोरी तो नहीं कर रहा। यदि ऐसा है तो यह जानकारी संबंधित विभाग व बच्चे के स्वजन तक पहुंचाई जाएगी।

शेड्यूल-एच की दवाएं

शेड्यूल-एच दवाओं में एंटीवायरल, ब्लड प्रेशर, कैंसर, सामान्य दर्द निवारक, हृदयरोग, मधुमेह व नान नारकोटिक्स, दर्द निवारक दवाएं शामिल हैं। जिसे दुकानदार डाक्टर के पर्चे पर ही उपलब्ध कराएगा और उसका रिकार्ड भी रखेगा।

शेड्यूल-एक्स की दवाएं

शेड्यूल-एक्स दवाएं मनोरोग, तनाव, दर्द आदि में उपयोग की जाती हैं। इनमें कुछ कफ सिरप भी शामिल हैं। ये दवाएं विषय विशेषज्ञ के पर्चे पर एक बार ही दी जाती है। दूसरी बार दवा के लिए डाक्टर को पुन: दवा लिखकर देनी होगी। इसका रिकार्ड भी दुकानदार को दो साल तक सुरक्षित रखना होगा।

इन पर रखेंगे निगरानी

ग्वालिय के ड्रग इंस्पेक्टर किर कुमार के मुताबिक, शेड्यूल एक्स और एच दवाओं का सेवन कर लोग नशाखोरी कर रहे हैं। यह प्रवृत्ति किशोरों में भी तेजी से बढ़ी है। बिना डाक्टर के पर्चे के यदि कोई भी दुकानदार दवा की बिक्री करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस बात की भी निगरानी रखी जाएगी कि 18 साल से कम उम्र के कितने लोग दवा खरीदने दुकान पर पहुंच रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.