Mahashivratri 2022: महाकाल मंदिर में सुबह साढ़े पांच से रात 11 बजे तक सतत दर्शन, उज्जैन में 21 लाख दीये जलाने का बनेगा रिकार्ड
Mahashivratri 2022 महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर भगवान के दर्शन का सिलसिला मंगलवार सुबह 5.30 बजे से शुरू होगा जो बुधवार रात 11 बजे तक जारी रहेगा। मंदिर प्रशासन ने भक्तों की सुविधा के व्यापक इंतजाम किए हैं।
उज्जैन, जेएनएन। मध्य प्रदेश के उज्जैन में ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर भगवान के दर्शन का सिलसिला मंगलवार सुबह 5.30 बजे से शुरू होगा, जो बुधवार रात 11 बजे तक जारी रहेगा। मंदिर प्रशासन ने भक्तों की सुविधा के व्यापक इंतजाम किए हैं। वहीं, शिव ज्योति अर्पणम महोत्सव आयोजित होगा। इस दौरान पूरे शहर में 21 लाख दीपक प्रज्वलित किए जाएंगे। मोक्षदायिनी शिप्रा नदी के किनारे 14 लाख दीप एक साथ प्रज्वलित करने का लक्ष्य है। शाम 6.30 बजे से 7.00 बजे तक आधा घंटे का समय दीप प्रज्वलन के लिए रखा गया है। पहला दीप मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जलाएंगे। अनुमान के मुताबिक, दीप जलाने में 24 हजार लीटर तेल लगेगा।
ऐसे बनेगा रिकार्ड
नदी किनारे के अलावा महाकाल मंदिर, मंगलनाथ मंदिर, कालभैरव मंदिर, गढ़कालिका, सिद्धवट मंदिर, हरसिद्धि मंदिर, टावर चौक सहित सार्वजनिक एवं निजी स्थानों पर सात लाख दीप प्रज्वलित किए जाएंगे। दीये में तेल भरने, बाती लगाने व अन्य सारी तैयारियां शाम पांच बजे तक पूरी करना सुनिश्चित किया गया है। सामाजिक संगठनों के साथ स्थानीय प्रशासन और गिनीज बुक आफ विश्व रिकार्ड की टीम ने सोमवार को इसकी तैयारी पूरी कर ली। नगर निगम आयुक्त और स्मार्ट सिटी कंपनी के कार्यकारी निदेशक अंशुल गुप्ता ने कहा कि दीप प्रज्वलित करने को राज्य आनंद संस्थान, स्कूल-कालेज के विद्यार्थियों के साथ 17593 स्वयंसेवकों ने पंजीयन कराया है।
44 घंटे सतत दर्शन, गर्भगृह में चलती रहेगी पूजा-अर्चना
ज्योतिलिंग महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर भगवान के दर्शन का सिलसिला मंगलवार सुबह 5:30 बजे से शुरू होगा। यह क्रम बुधवार रात 11 बजे तक जारी रहेगा। मंदिर प्रशासन ने भक्तों की सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। सोमवार रात 2.45 बजे मंदिर के पट खुलेंगे। महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीतगिरि महाराज भगवान को भस्म अर्पित करेंगे। इसके बाद भगवान को भोग लगाकर आरती की जाएगी। सुबह 5:30 बजे से आम दर्शन का सिलसिला शुरू हुआ। मंगलवार दोपहर 12 बजे तहसील की ओर से शासकीय पूजा की जाएगी। शाम पांच बजे संध्या पूजा होगी। शाम सात बजे संध्या आरती होगी। रात 12 बजे जिला प्रशासन की ओर से शासकीय पूजा की जाएगी। मंदिर की परंपरा अनुसार, पुजारी महानिशाकाल में महाकाल की महापूजा करेंगे। दो मार्च को तड़के चार बजे भगवान के शीश सवामन फल व फूलों से बना पुष्प मुकुट सजाया जाएगा। सुबह छह बजे भगवान को पकवान, फल व सूखे मेवे का महाभोग लगाकर आरती की जाएगी। 11 बजे भगवान के शीश से मुकुट उतारा जाएगा। दोपहर 12 बजे साल में एक बार दिन में होने वाली भस्म आरती होगी। दोपहर 2:30 बजे भोग आरती के साथ महापर्व संपन्न होगा। बुधवार रात 11 बजे 44 घंटे बाद मंदिर के पट बंद होंगे।
ऐसा बनेगा रिकार्ड
14 लाख दीये जलाए जाएंगे शिप्रा के घाटों पर
14 हजार स्वयंसेवक एक साथ करेंगे दीप प्रज्वलन
15 मिनट का समय दीप प्रज्वलन के लिए (शाम 7 से 7.15)
24 हजार लीटर तेल लगेगा
यह भी जानिए
दो लाख भक्तों के महाकाल दर्शन के लिए आने का अनुमान
44 घंटे तक सतत दर्शन
45 मिनट लगेंगे दर्शन करने में
ओंकोरश्वर में 24 घंटे खुले रहेंगे पट
खंडवा में ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के पट 24 घंटे खुले रहेंगे। इस दौरान करीब एक लाख से अधिक श्रद्धालु के आने की संभावना है। तड़के चार बजे पहले साधु-संत दर्शन करेंगे। दोपहर की भोग आरती में 151 किलो पेड़े की प्रसादी का भोग लगेगा। शाम को 11 हजार दीपकों से मंदिर जगमगाएगा। प्रति सोमवार को निकलने वाली भगवान ओंकारेश्वर की सवारी निकली।
33 घंटे लगातार दर्शन देंगे भगवान पशुपतिनाथ भक्तों को
मंदसौर में भगवान पशुपतिनाथ भक्तों को लगातार 33 घंटे दर्शन देंगे। अलसुबह चार बजे पशुपतिनाथ मंदिर के पट खुलेंगे, जो बुधवार दोपहर एक बजे बंद होंगे। सोमवार को दूल्हा बने भगवान पशुपतिनाथ को नए वस्त्र पहनाए गए और आकर्षक श्रृंगार किया गया।