Madhya Pradesh News: प्रशासन पहुंचा अतिक्रमण हटाने तो महिला ने अपनाया शोले का वीरु स्टाइल, जानें क्या था पूरा मामला?
Madhya Pradesh News मेहरा तालाब किनारे बसे लोगों को 14 अक्टूबर तक खुद अतिक्रमण हटाने और नहीं हटाने पर सख्ती से अतिक्रमण हटाए जाने के लिए हिदायत दी गई थी। अतिक्रमणकारियों ने अतिक्रमण को नहीं हटाया तो जिला प्रशासन का अमला अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंचा था।
बालाघाट, जेएनएन। Madhya Pradesh News: लोग अपनी मांग मनवाने के लिए कैसे-कैसे तरीके अपनाते हैं इसके सैकड़ों उदाहरण होंगे। कई बार ऐसे लोगों का अपनी मांग मनवाने के लिए किया जाने वाला काम भी एक उदाहरण सरीखा हो जाता है या किसी फिल्म की कहानी से तुलना के लायक हो जाता है। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है।
जिला अस्पताल के सामने बनी पानी टंकी पर शुक्रवार को एक महिला मोहल्लेवासियों का अतिक्रमण तोड़ने से बचाने के लिए पानी की टंकी पर चढ़ गई। करीब पौन घंटे अपनी जिद पर अड़ी रही। महिला की मांग थी कि प्रशासन पहले नगर के देवी तालाब से अतिक्रमण हटा लें, फिर उसके बाद उनके यहां अतिक्रमण हटाए। ऐसा नहीं होने पर टंकी से कूदकर आत्महत्या कर लेगी।
इस नजारे को जिस किसी ने भी देखा साढ़े चार दशक पूर्व बनी हिंदी फिल्म शोले की यादें ताजा हो गई। दरअसल, नगर पालिका चुनाव के बाद एक बार फिर से जिला प्रशासन ने मेहरा तालाब के अतिक्रमणकारियों को अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस जारी किया गया था।
मेहरा तालाब किनारे बसे लोगों को 14 अक्टूबर तक खुद अतिक्रमण हटाने और नहीं हटाने पर सख्ती से अतिक्रमण हटाए जाने के लिए हिदायत दी गई थी।अतिक्रमणकारियों ने अतिक्रमण को नहीं हटाया तो जिला प्रशासन का अमला, नगर पालिका का अमला व पुलिस प्रशासन को अमला मौके पर पहुंचा और अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई शुरु कर दी थी।
इधर अतिक्रमण हटाने के बीच विरोध के हाइवोल्टेज ड्रामा का सामना पुलिस को करना पड़ा है।अतिक्रमण की कार्रवाई को विरोध करते हुए एक महिला मनोरमा नागेश्वर ने जिला अस्पताल के सामने बनी पानी की टंकी पर साढ़े 12 से पौने एक बजे के बीच चढ़ गई। उसकी मांग थी कि देवी तालाब का अतिक्रमण है उसको पहले प्रशासन तोड़कर दिखाए। फिर उसके बाद मेहरा का अतिक्रमण तोड़कर बताए।
इस मांग को लेकर पानी टंकी को महिला चढ़ गई थी। मांग पूरी नहीं होने पर कूदकर आत्महत्या करने चेतावनी दी है। घटना की जानकारी लगते नगर पुलिस अधीक्षक अंजुल अंकेश मिश्रा, कोतवाली थाना प्रभारी केएस गेहलाेत महिला स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचे। इस दौरान बड़ी मशक्कत के बाद महिला को किसी तरह से पानी की टंकी से नीचे उतारा गया। पुलिस महिला को अपने साथ थाने लेकर गई। उसके बाद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को पूरी हुई।
मांगा समय नहीं दिया तो टंकी पर चढ़ी महिला
मेहरा तालाब से अतिक्रमण हटाने का विरोध कर रही महिला मनोरमा नागेश्वर ने बताया कि नगर पालिका क्षेत्र में समस्त तालाबों में अतिक्रमण कर मकान, दुकान के साथ ही बड़े-बड़े कांपेक्लस बनाए गए है। जिन्हें एनजीटी ने सख्ती से हटाने के निर्देश भी दिए गए है। बावजूद इसके इन अतिक्रमणों को हटाया नहीं जा रहा है। लेकिन दुर्भावना के चलते सिर्फ मेहरा तालाब के अतिक्रमण को हटाने के लिए जिला प्रशासन एनजीटी के नियमों का पालन करने की बात कहकर हटाने की कार्रवाई कर रहा है।
मेहरा तालाब से अतिक्रमण को हटाने के लिए भी भेदभाव किया जा रहा है। क्योंकि करीब आधे से अधिक कालोनी मेहरा तालाब पर ही अतिक्रमण कर बनाई गई। लेकिन सिर्फ 12 लोगों के ही अतिक्रमणकारी मानकर उन्हें हटाने की कार्रवाई की जा रही है, जो की न्यायोचित नहीं है। जिला प्रशासन से उन्होंने मकानों को खाली करने के लिए तीन दिनों का समय मांगा गया था क्योंकि जिन्हें हटाया जा रहा है उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है।बावजूद इसके सख्ती से अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की गई है।
अतिक्रमण हटाने के पहले काटे गए विद्युत कनेक्शन
मेहरा तालाब के 12 अतिक्रमण को हटाने के लिए पहुंचे जिला प्रशासन की टीम ने विद्युत विभाग के अमले की मदद से पहले घरों में दिए गए विद्युत कनेक्शन को काटने की कार्रवाई की है।इसके बाद तालाब के तरफ से मकानों को जेसीबी के माध्यम से प्रशासन से तोड़ा है। लेकिन इस दौरान भी टीम को विरोध का सामना करना पड़ा है।
अतिक्रमणकारियों ने अपने घर के सामान को घर के बाहर लाकर रख दिया और नगर पालिका के वाहनों से सामान ले जाने को मना कर दिया। स्वयं का वाहन कर अपने गृहस्थी के सामान को ले जाने की जिद पर अड़े रहे है।जिससे भी अतिक्रमण को हटाने में समस्याओं का सामना करना पड़ा है।
मुख्यमंत्री के आदेश की बालाघाट में उड़ रही धज्जियां
अतिक्रमणकारी योगिता कावड़े समेत अन्य ने बताया कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री लगातार मंचों से जनता से कह रहे है किसी को भी बेघर नहीं किया जाएगा और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन्हें पक्का मकान निर्माण के लिए राशि भी दी जाएगी जो जहां पर बसा है वहां पर उन्हें रहने का अधिकार पट्टा दिया जा रहा है।
लेकिन बालाघाट जिले में मुख्यमंत्री के आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही है। एनजीटी के आदेश के नाम पर सिर्फ गरीबों को ही बेघर किया जा रहा है।जबकि अन्य तालाब की भूमि पर बड़े लोगों ने अतिक्रमण को कर रखा है।
केएस गेहलाेत (थाना प्रभारी, कोतवाली) का कहना है कि मेहरा तालाब किनारे राजस्व, नपा अमला अतिक्रमण हटाने गया था। तभी एक महिला जिला अस्पताल के सामने बनी पानी टंकी पर चढ़कर अतिक्रमण का विरोध कर रही थी।महिला स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचकर हिरासत में लिया गया।