Madhya Pradesh: राज्य की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर का नया फरमान, प्रदेश भर में मदरसों पर कराया जाए सर्वे
Madhya Pradesh उत्तर प्रदेश के बाद अब मध्य प्रदेश में मदरसों का सर्वेक्षण कराया जाएगा। राज्य में शिवराज सिंह चौहान की सरकार में कैबिनेट मंत्री उषा ठाकुर ने प्रदेश भर के मदरसों के सर्वेक्षण की मांग की है।
भोपाल, एजेंसी। भाजपा शासित मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की सरकार में सांस्कृतिक और धार्मिक न्यास मंत्री उषा ठाकुर (Usha Thakur) ने राज्य भर में संचालित मदरसों के सर्वेक्षण की मांग की है। उन्होंने इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर अपंजीकृत मदरसों को बंद करने का भी निर्देश दिया है। मालूम हो कि उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने मदरसों के बाद अब वक्फ बोर्ड (Waqf Board) की संपत्तियों का भी सर्वे कराने के आदेश दिए हैं। इसी के बाद उषा ठाकुर का यह मांग सामने आई है।
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग पहले कर चुकी है सिफारिश
'उन्होंने कहा है, मैंने स्कूल शिक्षा विभाग को पत्र लिखा है और राज्य भर में संचालित सभी मदरसों का सर्वेक्षण कराए जाने की मांग की है। हालांकि, उषा ठाकुर के द्वारा यह कदम उठाए जाने से पहले राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एमसीएम) ने इसकी सिफारिश की थी।
गौरतलब है कि इस साल मई में भोपाल की यात्रा के दौरान एमसीएम सदस्य सैयद शहजादी (Syed Shahzadi ) ने मदरसों के सर्वेक्षण की सिफारिश की थी ताकि यह पता लगाया जा सके कि उनके पास उचित बुनियादी ढांचा और सुविधाएं हैं या नहीं।
2019 के बाद से नए मदरसों का पंजीकरण बंद
मध्य प्रदेश सरकार की एक रिकॉर्ड के मुताबिक, राज्य में पंजीकृत मदरसों की संख्या करीब 2,650 है और उन्हें हर साल सरकार से 25,000 रुपये का अनुदान मिलता है। आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मध्य प्रदेश में साल 2019 के बाद से नए मदरसों का पंजीकरण होना बंद हो गया है।
राज्य में 500 से ऊपर हैं अपंजीकृत मदरसे
मदरसों के पंजीकरण को हर तीन साल में रिन्यू या नवीनीकृत कराना पड़ता है या अपडेट कराना होता है और ऐसा केवल वे ही मदरसे कर सकते हैं जो पहले से पंजीकृत हो। हालांकि, मध्य प्रदेश में अपंजीकृत मदरसों के संख्या की कोई सटीक जानकारी नहीं है, लेकिन संबंधित अधिकारियों का मानना है कि इस वक्त राज्य में ऐसे लगभग 500-550 मदरसे ऐसे हैं, जो अवैध रूप से संचालित हैं। मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण समिति ने दावा किया है कि उन्हें भोपाल में कम से कम चार अपंजीकृत मदरसे मिले हैं।