Heavy Rain Alert In MP: एमपी में ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान, इन जिलों में बारिश का हाई अलर्ट जारी
IMD Heavy Rain Alert In Madhya Pradesh नर्मदापुरम शहडोल जबलपुर चंबल उज्जैन सागर इंदौर ग्वालियर रीवा और भोपाल संभाग के 20 जिलों में वर्षा और ओलावृष्टि हुई है। सरकार ने क्षति का आकलन करने के लिए सर्वे कराना प्रारंभ करवा दिया है।
IMD Heavy Rain Alert In Madhya Pradesh: भोपाल, डिजिटल डेस्क। मध्य प्रदेश में रविवारसे बारिश का कहर लगातार जारी है। भारी बारिश और ओलावृष्टि के कारण किसान काफी परेशान हैं। मौसम विभाग ने इंदौर, भोपाल समेत कई जिलों में बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है। प्रदेश में ओलावृष्टि और वर्षा से रबी फसलों को भारी नुकसान हुआ है। 20 जिलों के 520 गांवों में 33 हजार 758 हेक्टेयर क्षेत्र की फसल प्रभावित हुई है। गेहूं, चना, सब्जियों सहित अन्य फसलों को औसत 30 से 35 प्रतिशत नुकसान हुआ है। जहां-जहां ओलावृष्टि हुई है, वहां फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। जहां वर्षा के कारण फसल खेत में ही गिर गई, वहां उपज की गुणवत्ता प्रभावित होगी, जिसका नुकसान किसान को उठाना होगा।
ओलावृष्टि से निर्मित स्थिति की समीक्षा
नर्मदापुरम, शहडोल, जबलपुर, चंबल, उज्जैन, सागर, इंदौर, ग्वालियर, रीवा और भोपाल संभाग के 20 जिलों में वर्षा और ओलावृष्टि हुई है। उधर, सरकार ने क्षति का आकलन करने के लिए सर्वे कराना प्रारंभ करवा दिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को ओलावृष्टि से निर्मित स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह में सर्वे का काम पूरा करके किसानों को राहत उपलब्ध कराई जाएगी।
फसल बीमा योजना का लाभ
वहीं, विधानसभा में कांग्रेस ने इस मुद्दे को सरकार पर गंभीर न होने का आरोप लगाते हुए बहिर्गमन किया और काम रोककर चर्चा कराने का प्रस्ताव दिया। मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि सर्वे में कोई लापरवाही न हो, ईमानदारी और संवेदनशीलता के साथ काम हो और प्रत्येक प्रभावित किसान को राहत मिले। प्रभावित किसानों और नुकसान की सूची पंचायतों में चस्पा कर दावे-आपत्तियों का निराकरण पारदर्शिता के साथ किया जाए। किसानों को राहत राशि के अलावा फसल बीमा योजना का लाभ भी दिलाया जाएगा। फसलों के नुकसान के अलावा पशुहानि के लिए बढ़ी हुई राशि के अनुरूप राहत दी जाएगी।
30 से 35 प्रतिशत फसलों को नुकसान
मालवा-निमाड़ क्षेत्र में फसलों को 30 से 35 प्रतिशत तक नुकसान पहुंचा है। खंडवा जिले में गेहूं की फसल में गुणवत्ता और उत्पादन में 50 प्रतिशत, तरबूज, खरबूज व सब्जियों में 60, प्याज की फसल में 40, नीमच में इसबगोल, चीया व कलौंजी में 70 से 80 प्रतिशत तक नुकसान पहुंचा है। बुरहानपुर जिले में जिले में एक हजार एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में फसलें प्रभावित हुई है। शाजापुर और देवास जिले में भी यही स्थिति है। खरगोन जिले में 60 और झाबुआ के पेटलावद क्षेत्र में 40 प्रतिशत तक फसलों को नुकसान हुआ है।
ओलावृष्टि से फसलों को हुआ नुकसान
महाकोशल- विंध्य और बुंदेलखंड में रविवार को ओलावृष्टि और वर्षा से फसलों को भारी नुकसान हुआ है। नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा तहसील के 18 गांवों में चना-गेहूं की फसल में नुकसान हैं। डिंडौरी जिले के बजाग और करंजिया जनपद के 16 गांव की 30 से 40 प्रतिशत तक दलहनी फसलें प्रभावित हुई है। कटनी जिले में 25 प्रतिशत, मंडला और सतना जिले में 10, सिवनी के 21, बालाघाट जिले के 32, शहडोल जिले के छह और दमोह जिले के 10 गांव में 20 से 30 प्रतिशत नुकसान का आकलन है।
भिंड-श्योपुर-दतिया में साढ़े छह हजार हेक्टेयर क्षेत्र की फसल को पहुंचा नुकसान
ग्वालियर-चंबल अंचल के शिवपुरी में 24 गांव ओलावृष्टि से प्रभावित हैं। पिछोर–खनियाधाना में प्रारंभिक तौर पर 10 गांव में एक हजार 230 हेक्टेयर फसल के नुकसान का आकलन है। मुरैना के 12 गांवों में गेहूं व सरसों की फसल को नुकसान है। भिंड के रौन ब्लाक में 10 गांवों में करीब 500 हेक्टेयर और श्योपुर में वीरपुर तहसील के 10 गांव व दतिया के बसई क्षेत्र में 22 गांव में छह हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फसल को नुकसान हुआ है।
ग्वालियर के घाटीगांव क्षेत्र के आठ गांवों में 100 प्रतिशत तक गेहूं बर्बाद हो गया। छतरपुर के 10 गांव में 10 से 15 प्रतिशत फसल प्रभावित हुई है। ओलावृष्टि से 25 प्रतिशत तक गेहूं की फसल को हुआ नुकसानभोपाल जिले में तेज हवा के साथ ओलावृष्टि से गेहूं की फसल को 25 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है। सर्वे प्रतिवेदन आने के बाद किसानों को मुआवजा राशि वितरित की जाएगी।
किसानों से बिजली के बकाया बिल और फसल ऋण की वसूली रोकें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने सरकार से प्राकृतिक आपदा से फसलों को हुई क्षति के नुकसान के लिए तत्काल राहत राशि देने की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर कहा कि एक पखवाड़े में प्रदेश के लगभग सभी अंचलों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि हुई है। इससे गेहूं, जौ, चना, मटर, सरसों, अलसी, धनिया, इसबगोल आदि फसलें प्रभावित हुई हैं। 15 दिन से सरकार केवल सर्वे कार्य के झूठे आश्वासन दे रही है। उन्होंने बिजली बिल और फसल ऋण की वसूली पर रोक लगाने की मांग की है। साथ ही कहा कि खरीफ फसलों का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 28 मार्च 2023 को बढ़ाया जाए।
परघट्टिया में बारिश
तहसील में 19 मार्च को अचानक दिन और रात में आंधी और ओलों के साथ बेमौसम बरसात ने जिले के किसानों को चिंतित कर दिया। तेज वर्षा और ओले से किसानों की गेहूं की फसल बर्बाद हो गई। अन्य फसलें जैसे चना, लहसुन, प्याज, फल और सब्जियों को भी भारी नुकसान हुआ है। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) जिला इकाई उज्जैन के जिलाध्यक्ष भगवानसिंह राजपूत ने शासन-प्रशासन से शीघ्र सर्वे करने और राहत राशि किसानों को प्रदान करने की मांग की है। राजपूत ने बताया कि अगर किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो आंदोलन किया जाएगा।
परतराना में बारिश
विगत दो तीन दिनों में हुई बेमौसम बरसात के कारण तहसील के कुछ ग्रामों में गेहूं व अन्य फसलों को आंशिक नुकसान हुआ है। क्षेत्र में 70 प्रतिशत से अधिक फसल कट चुकी है व शेष फसलों में कहीं-कहीं हल्का नुकसान हुआ है। एसडीएम एकता जायसवाल ने बताया कि ग्राम पल्दूना, हालूखेड़ी, बघेरा आदि जगह आंकलन के अनुसार करीब 15 प्रतिशत नुकसान का अंदेशा है। एसडीएम जायसवाल, तहसीलदार डीके वर्मा अपने मैदानी अमले के साथ क्षेत्र में नजर बनाए हुए हैं।