Madhya Pradesh: केंद्र की तत्कालीन यूपीए सरकार देती बजट तो वर्षों पहले तैयार हो जाते बटेश्वरा के 200 मंदिर
Madhya Pradesh मुरैना के बटेश्वरा में 200 मंदिरों के समूह का जीर्णोद्धार व संरक्षण का काम इन दिनों फिर तेज हो गया है। केंद्र की तत्कालीन यूपीए सरकार के समय अगर बजट मिलना बंद न हुआ होता तो यह दशा न होती।
मुरैना, जेएनएन। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में स्थित बटेश्वरा में 11वीं सदी के खंडहर में तब्दील 200 मंदिरों के समूह का जीर्णोद्धार व संरक्षण का काम इन दिनों फिर तेज हो गया है। इस बार इंफोसिस संस्था द्वारा दिए गए चार करोड़ रुपये से काम शुरू हुआ है। छह साल में यहां 60 मंदिरों को पुराना स्वरूप दे दिया गया है, लेकिन केंद्र की तत्कालीन यूपीए सरकार के समय अगर बजट मिलना बंद न हुआ होता तो यह दशा न होती। मुरैना से करीब 25 किलोमीटर दूर बटेश्वरा मंदिर समूह में 800 साल से खंडहर पड़े मंदिरों के संरक्षण का काम 2005 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के तत्कालीन क्षेत्रीय अधीक्षक पद्मश्री केके मोहम्मद ने शुरू किया था। दो करोड़ रुपये के बजट में 2011 तक एक-एक पत्थर बीनकर 60 मंदिरों को फिर से खड़ा कर दिया गया। उस समय बटेश्वरा के अलावा नरेश्वर व चंदेरी में भी ऐतिहासिक मंदिरों के जीर्णोद्धार का काम चल रहा था, लेकिन 2011 में एएसआइ के अफसरों ने इन कामों में रुचि नहीं ली। यहां 160 मंदिर अभी भी पत्थरों के ढेर में तब्दील पड़े हैं, अगर साल 2011 में सरकार बजट दे देती तो यह काम उस समय कम लागत, कम समय में पूरा हो जाता।
इंफोसिस ने महत्व समझा पर सरकार ने नहीं: पद्मश्री केके मोहम्मद
बताते हैं कि साल 2012 में रिटायर होने के बाद भी उन्होंने प्रयास बंद नहीं किए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारियों के माध्यम से केंद्र सरकार तक बात भी पहुंचाई पर किसी भी मद से बटेश्वरा को बजट नहीं मिला। उनके साथ डेढ़ साल पहले इंफोसिस फाउंडेशन की मुखिया सुधा मूर्ति बटेश्वरा आईं और यहां की हालत देखकर जीर्णोद्धार के लिए चार करोड़ की मदद दी। इससे विष्णु मंदिर और मठ को पुराना स्वरूप मिल जाएगा, लेकिन 138 मंदिर फिर भी पत्थरों के ढेर में रहेंगे।
140 मंदिरों को फिर खड़ा करने का प्रयास करेंगेः पीयूष भट्ट
एएसआइ के क्षेत्रीय अधिकारी पीयूष भट्ट के मुताबिक, एएसआइ का बजट सीमित रहता है, देश में कई और ऐसे स्थल हैं, जिनके संरक्षण के लिए भी बजट देना होता है। बटेश्वरा में उस समय 60 मंदिर खड़े हो गए थे, जिसे संरक्षण के लिए पर्याप्त माना गया और दूसरी जगहों पर काम हुए। हां इंफोसिस फाउंडेशन के चार करोड़ रुपये से विष्णु मंदिर, मठ का जीर्णोद्धार होगा, उसके बाद बावड़ी का संरक्षण होगा। 140 मंदिरों को फिर खड़ा करने का प्रयास भी धीरे-धीरे करेंगे।